जागरण संवाददाता, लखनऊ। केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में बने रैन बसेरे को ध्वस्त कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है, जिसकी वजह से मरीज-तीमारदार खुले आसमान के नीचे रातें काटने को मजबूर हैं। तापमान गिरने के साथ इनकी परेशानी भी बढ़ेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रामा सेंटर में 465 बेड हैं। यहां रोजाना 600-650 गंभीर मरीज आते हैं, जिनके तीमारदारों को रात बिताने के लिए रैन बसेरा बनाया गया था। धीरे-धीरे सर्दी बढ़ रही है, लेकिन केजीएमयू प्रशासन की ओर से मरीजों-तीमारदारों के लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की गई है। |