प्राइवेट बस का प्रतीकात्मक चित्र।
जागरण संवाददाता, आगरा। निजी बसें सवारियों के साथ ही माल ढोने का भी काम कर रही हैं। जिससे एक ओर जीएसटी (GST) को विभाग को राजस्व की हानि हो रही है तो दूसरी ओर ट्रांसपोर्टर भी परेशान हैं। निजी बसों में डिग्गी होती है, जिसमें काफी माल आ जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
व्यापारी एक से दूसरे शहर या राज्य तक माल भेजने के लिए निजी बसों का उपयोग कर रहे हैं। जिस पर शिकंजा कसने को आरटीओ और जीएसटी विभाग के अधिकारी अब संयुक्त टीम बनाकर काम करेंगे। निजी बसों में माल पकड़ा गया तो उसके विरुद्ध दोनों विभाग कार्रवाई करेंगे।
व्यापारी ट्रांसपोर्ट कंपनी की जगह निजी बसों से कम मूल्य में अपना माल एक से दूसरे शहर व राज्यों में भेज रहे हैं। जीएसटी विभाग के अधिकारी माल ढाेने वाली निजी बसों को पकड़कर कार्रवाई भी करते हैं, लेकिन वह सिर्फ जीएसटी की चोरी पर कार्रवाई करते हैं।
पिछले दिनों आरटीओ (RTO) और जीएसटी अधिकारियों की संयुक्त कार्यशाला हुई। जिसमें निजी बसों द्वारा माल ढुलाई से हर महीने लाखों रुपये की राजस्व चोरी करने पर प्रभावी अंकुश लगाने पर बात हुई। जिसके बाद तय हुआ कि माल ढोने वाली बसों पर जीएसटी विभाग के साथ ही संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी भी परिवहन नियमों के तहत कार्रवाई करेंगे।
एआरटीओ आलोक कुमार के अनुसार प्रत्येक बस का यात्री एवं माल का लोड तय होता है। निजी बसों द्वारा माल ढुलाई पकड़े जाने पर जीएसटी विभाग के अलावा आरटीओ टीम भी निर्धारित से अधिक लोड होने पर कार्रवाई करेगी। |