deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Lucknow Jagran Samvadi 2025: उद्घाटन सत्र से ही बड़ा संदेश, अनुवाद के जूठन से बचें... हिंदी में सोचें और हिंदी में ही लिखें

cy520520 2025-11-7 00:09:45 views 627

  

उद्घाटन सत्र काे संबाेधित करतीं पद्मश्री डा. विद्या विंदु सिंह और मंच पर प्रो. जेपी पांडेय, प्रो. सीएम सिंह व आशुतोष शुक्ल



महेन्द्र पाण्डेय, जागरण, लखनऊ : हिंदी में जो कमी थी, वो दूर हो रही है। अब हिंदी में विविधता है। अंग्रेजी का हिंदी में अनुवाद आ रहा है और बिक भी रहा है। हिंदी हमारी केवल भाषा या अभिव्यक्ति नहीं है, इसमें हमारे पूर्वजों के संस्कार हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

हिंदी हमारी नशों में बहता हुआ मां का दूध है। संवाद का सतरंगी उत्सव अपनी मूल भावना \“हिंदी हैं हम\“ के साथ के आगे बढ़ा तो विचारों की सरिता प्रवाहित हो उठी। वक्तव्यों का सार यह रहा कि हमें हिंदी में अनुवाद के जूठन से बचना होगा। हम हिंदी में सोचें, हिंदी में लिखें तो पाठकों को सहजता होगी और लेखक को भी अभिव्यक्ति का अच्छा अनुभव होगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में गुरुवार सुबह 11 बजे अभिव्यक्ति का उत्सव \“संवादी\“ का दीप प्रज्वलित हुआ तो उद्घाटन सत्र विचारों के आलोक से जगमगा उठा। पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ साहित्यकार डा. विद्या विंदु सिंह ने हिंदी बोलने-लिखने पर गर्व जताया। कहा, \“हिंदी गौरव बोध के साथ आगे बढ़ रही है।

यह अपनी व्यापकता के कारण राजभाषा बनी और आज भी जनसंख्या की दृष्टि प्रथम स्थान पर है, लेकिन हिंदी को पाठ्यक्रमों का अंग होना चाहिए। हिंदी के आंकड़ों की नहीं, प्रयोग की बात की जानी चाहिए। अंग्रेजी का हिंदी में अनुवाद पाठकों को सरल नहीं लगता। इसलिए हिंदी में सोचें और हिंदी में लिखें तो पाठकों के लिए आसानी से ग्राह्य होगा।\“ डा. विद्या ने कहा, \“देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्वयं सिद्ध है, लेकिन इसके मानकों की ओर से हमें ध्यान देना होगा।\“

डा. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने कहा कि आज लोग संवाद को बहस मान लेते हैं। यह गलत है। संवाद का मतलब विचारों की अभिव्यक्ति है। जब आप अपने विचार व्यक्त करें तो मन में किसी तरह का अहंकार न रखें। खुले विचारों से सोचें, प्रश्न करें और सामने वाले से उत्तर पाएं।

अपनी भाषा में होती है सबसे अच्छी अभिव्यक्ति

हिंदी बोलने, लिखने में डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने भी गर्व व्यक्त किया। स्कूल-कालेज के दिनों को याद करते हुए कहा, \“हमने हिंदी माध्यम से ही पढ़ाई की। फिजिक्स, केमेस्ट्री भी हिंदी में पढ़ी। बीएससी करने गया तो हिंदी में किताबें नहीं थीं। आज हिंदी में भी किताबें उपलब्ध हो रही हैं। आज हम हिंदी में बात करते हैं। हिंदी में काम करते हैं, लेकिन अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने का फैशन हो गया है।\“ उन्होंने कहा, \“जापान, जर्मनी, अमेरिका सहित जितने भी विकसित राष्ट्र हैं, सबने अपनी मातृ भाषा में काम किया, लेकिन हम हिंदी में हिंदी का बात नहीं करते। सबसे अच्छी अभिव्यक्ति अपनी भाषा में होती है। इसलिए हमें हिंदी बोलने में शर्म नहीं करनी चाहिए। रामायण काल में हनुमान जी और भगवान सूर्य के बीच संवाद का उल्लेख करते हुए प्रो. पांडेय ने कहा कि संवाद हर जगह आवश्यक है। व्यक्ति हों या देश, संवाद बना रहना चाहिए। जब देशों में बातचीत बंद हो जाती है तो युद्ध होने लगते हैं।

दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल ने कहा कि हम (दैनिक जागरण) हिंदी के अखबार हैं। हिंदी के लिए काम करना और हिंदी को प्रोत्साहित करना हमारा लक्ष्य है। हिंदी की लोकप्रियता की उपेक्षा कर समीक्षकों के दम पर हिंदी को उठाया-गिराया गया। कुछ समीक्षक अपने हिसाब से चीजें चलाते थे, उसे जागरण बेस्ट सेलर ने तोड़ा है। उन्होंने कहा कि आप जिस लेखक की अवमानना करते हैं, वस्तुत: उसकी कम, उसको पढ़ने वाले लाखों लोगाें की अधिक करते हैं, क्योंकि जो पढ़ रहा है वो उसमें कुछ ढूंढ़ रहा है।

बेस्ट सेलर की लिस्ट देखने से पता चलता है कि हिंदी में जो कमी थी अब वो दूर हो रही है। अब हिंदी में विविधता है। अंग्रेजी में लिखकर हिंदी में अनुवाद आ रहा है और बिक रहा है। पाठक पढ़ रहे हैं। उनकी जेब भी किताबें खरीदने के लिए तैयार है।\“ इससे पहले जागरण बेस्ट सेलर की सूची डा. विद्या विंदु सिंह, प्रो. जेपी पांडेय, प्रो. सीएम सिंह, आशुतोष शुक्ल व दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने जारी की।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
71665