केरल HC ने वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) को वैज्ञानिक जांच करने की अनुमति दी है, जो कि इस मामले की चल रही जांच का हिस्सा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों ने बताया कि एसआइटी ने इस मामले की जांच करते हुए बुधवार को केरल हाई कोर्ट में अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश की जिसमें त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के मिनट्स रिकार्ड में गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया।
केरल HC ने वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी
SIT की रिपोर्ट के अनुसार, रिकार्ड बुक में 2019 में द्वारपालक (रक्षक देवता) की मूर्ति को उनिकृष्णन पोत्ती को सौंपने का उल्लेख नहीं है। 28 जुलाई, 2025 के बाद कोई प्रविष्टियां नहीं की गईं। सबरीमाला अयप्पन मंदिर में मूर्तियों के लिए सोने की इलेक्ट्रोप्ले¨टग करने वाली कंपनी स्मार्ट क्रिएशंस को सोने की प्लेटिंग सौंपने का विवरण भी मिनट्स बुक से गायब है।
अभिलेखों में गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं
SIT ने इन मूर्तियों का वास्तविक वजन निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक जांच करने की अनुमति मांगी। केरल हाई कोर्ट ने एसआइटी की इस मांग को स्वीकार करते हुए वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी। जबकि एसआइटी ने चेन्नई में स्मार्ट क्रिएशन के सीईओ पंकज भंडारी से सबरीमाला मंदिर के पुनस्र्थापन कार्य से जुड़े सोने के गायब होने के बारे में पूछताछ की।
विपक्ष ने बोर्ड सदस्यों पर आरोप लगाया
इससे पहले, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि एक बोर्ड सदस्य सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी में शामिल था। सतीशन ने देवस्वम के पूर्व आयुक्त एन. वासु की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया, \“\“सभी को पता है कि यदि वासु को गिरफ्तार किया जाता है, तो मंत्रियों व वरिष्ठ माकपा नेताओं का भी पर्दाफाश होगा।\“\“
(न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ) |