दुष्कर्म का आरोपित प्रोफेसर।
जागरण संवाददाता, आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय 98 वर्ष पूरे कर चुका है। विश्वविद्यालय में पहली बार कोई प्रोफेसर जेल गया है, आरोप भी शोध छात्रा के शारीरिक शोषण के लगे हैं। शुक्रवार को जेल गए प्रो. गौतम जैसवार को विश्वविद्यालय के इसी वर्ष अगस्त में हुए दीक्षा समारोह में रिसर्च के लिए वेस्ट शिक्षक से सम्मानित किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खंदारी और पालीवाल परिसर के शिक्षकों की संदिग्ध गतिविधियां
विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही शोध छात्रा ने इंस्टीट्यूट आफ बेसिक साइंस (आइबीएस) के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. गौतम जैसवार पर शादी का झांसा देकर दो वर्ष तक शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे। प्रो. गौतम जैसवार ने आइआइटी बाम्बे से पीएचडी की थी, उनके नाम से कई रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुए। उन पर लगे आरोपों के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र भी हैरान हैं।
98 साल का है विवि का इतिहास
1927 में स्थापित हुए विश्वविद्यालय में यह पहली बार हुआ है कि किसी प्रोफेसर को जेल भेजा गया। वहीं, विश्वविद्यालय के खंदारी और पालीवाल परिसर के कुछ शिक्षकों की भी संदिग्ध गतिविधि की चर्चाएं हैं। हालांकि, इस मामले में कुलपति प्रो. आशु रानी ने आंतरिक शिकायत समिति गठित कर आरोपित प्रोफेसर को निलंबित कर दिया था। इस प्रकरण के बाद विश्वविद्यालय के परिसरों में सीसीटीवी से निगरानी और छुट्टी के दिन संस्थानों को खोलने के लिए अनुमति लेने के निर्देश दिए हैं। इस पूरे प्रकरण से राजभवन को भी अवगत कराया गया है। छात्राओं की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। |