जारगण संवाददाता, अमरोहा। ट्यूबवेल किसानों का एक अप्रैल 2023 से बिजली बिल माफ है। इसमें यह शर्त थी कि बिल माफ उन्हीं का होगा, जो किसान 31 मार्च 2023 तक का पुराना भुगतान कर देंगे। इसके लिए कई बार एक मुफ्त समाधान योजना भी लागू की थी। जिसमें पंजीकरण कराने के बाद किसानों के लिए किस्तों में अपना बिल जमा करने की छूट थी। बावजूद इसके पांच हजार से अधिक अधिक ट्यूबवेल किसानों ने अपना पिछला बकाया बिल जमा नहीं किया। जिन पर करीब सात करोड रुपए का राजस्व बकाया चल रहा हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के सभी नलकूल किसानों का एक अप्रैल 2023 से बिजली माफ किया है। जबकि 31 मार्च 20203 तक का बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें यह शर्त रखी गई थी कि उन्हीं किसानों का बिल माफ होगा, जो पिछला बकाया जमा करेंगे। अमरोहा जनपद में भी करीब 52 हजार नलकूल किसानों को यह लाभ मिलना था।
इन पर विभाग का करीब 50 करोड से अधिक रुपया पिछला बकाया चल रहा था। सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कई बार एकमुश्त समाधान योजना शुरू की। जिसमें किसानों को छूट भी थी साथ ही पंजीकरण कराकर किश्तों में बकाया बिल जमा करना था। जिसमें अभी भी पांच हजार से अधिक ऐसे नलकूप किसान हैं। जिन्होंने ओटीएस योजना में पंजीकरण कराकर अपना बकाया बिल जमा नहीं किया है।
जिन पर बिजली विभाग का करीब आठ करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। इनमें से 1300 नलकूलप किसान विद्युत वितरण खंड प्रथम के शामिल है। जिन पर 31 मार्च 2023 तक का करीब दो करोड़ रुपये बकाया है। एक्सईएन निखिल वर्मा ने बताया कि बकाएदार नलकूप किसानों को कई बार नोटिस जारी किए गए हैं। मगर बिल जमा नहीं कर रहे हैं। वह मुफ्त बिजली योजना का लाभ भी ले रहे हैं। अब फिर से सर्वे चल रहा है। जिनकी सूची बनाई जा रही है। उनके कनेक्शन काटकर शासनादेशनुसार रिकबरी कराई जाएगी।
बिजली बिल माफी की तिथि से करीब तीन अरब की बिजली खर्च
एक्सईएन निखिल वर्मा ने बताया कि एक अप्रैल 2023 से नलकूल किसानों की बिजली भले ही माफ है, लेकिन तब से हर माह उनके बिजली बिल जनरेट हो रहे हैं। सरकार भी बिजली का भुगतान नहीं कर रही है। जिससे एक अप्रैल 2023 से अब तक नलकूल किसान करीब तीन अरब की बिजली खर्च चुके हैं। |