राहुल गांधी और तेजस्वी यादव। PTI  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस और भाकपा के बीच विवाद वाली विधानसभा सीटों पर राजद चुनाव प्रचार करने से परहेज कर रहा है। विधानसभा की ऐसी सीटों की संख्या चार है। बछवाड़ा, करगहर, राजापाकर और बिहारशरीफ में भाकपा और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें करहगर और राजापाकर में 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बछवाड़ा में भाकपा दूसरे नम्बर पर थी। 2020 में बिहारशरीफ में कांग्रेस और भाकपा चुनाव नहीं लड़ी थी। राजद के उम्मीदवार 66 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे नम्बर पर थे। राजद ने इसबार उम्मीदवार नहीं दिया।  
 
भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस हमारे दावे की सीटों पर उम्मीदवार देकर कांग्रेस बेइमानी कर रही है, लेकिन जनता हमारे साथ है।  
 
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और भाकपा की ओर से इन सीटों पर प्रचार के लिए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से आग्रह किया गया है। लेकिन, अबतक तेजस्वी की सहमति नहीं मिली है। वै  
 
से, राजद ने अपनी स्थानीय इकाइयों को संकेत दिया है कि जीत की संभावना के आकलन के बाद ही किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में मतदान की अपील करें। कांग्रेस और राजद के बीच भी विधानसभा की पांच सीटों पर दोस्ताना मुकाबला है।  
 
ये हैं- नरकटियागंज, कहलगांव, सुल्तानगंज, वैशाली और सिकंदरा। इन सीटों पर पिछले चुनाव में कांग्रेस दूसरे नम्बर पर रही थी, लेकिन इस चुनाव में राजद ने अपना उम्मीदवार भी उतार दिया है। इन क्षेत्रों में दोनों दलों के नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।  
 
गुरुवार को शेखपुरा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा थी। उनके मंच पर शेखपुरा से राजद के उम्मीदवार विजय यादव मौजूद थे। लेकिन, सिकंदरा के राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी की जगह कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद चौधरी को बुलाया गया था। राहुल ने उनकी जीत की अपील की।  
 
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