जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। नगर निगम गुरुग्राम ने पानी और सीवर के बिलों में पांच प्रतिशत वार्षिक की बढोतरी कर दी है। अब उपभोक्ताओं को बिल नई दरों के हिसाब से जारी किए जाएंगे। खास बात यह है कि निगम ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 12 जनवरी 2018 की अधिसूचना के अनुसार यह वार्षिक वृद्धि लागू करने के निर्देश दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह वृद्धि वर्ष 2020 से 2025 तक की अवधि के लिए भी लागू की जाएगी। यानी इस अवधि की बढ़ी हुई दरों का एरियर भी उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा और अलग से नोटिस भेजे जाएंगे। निगम अधिकारियों का कहना है कि निगम अब तक पानी और सीवरेज दरों में तय वार्षिक बढ़ोतरी लागू नहीं कर पाया था।  
 
इस पर निगम आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए दरों को तत्काल प्रभाव से संशोधित करने के निर्देश दिए हैं। निगम के एक्सईएन प्रदीप कुमार ने बताया कि नई वृद्धि दर के हिसाब से बिल तैयार करने के लिए एजेंसी को निर्देश दिए गए हैं।  
जीएमडीए देता है नहरी पेयजल  
 
शहर में घरों तक पेयजल आपूर्ति गुरुग्राम नगर निगम करता है, वहीं शहर के दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों चंदू बुढेड़ा और बसई से बल्क पेयजल आपूर्ति बूस्टिंग स्टेशनों तक गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा की जाती है। इसकी एवज में जीएमडीए नगर निगम से बिलों की रिकवरी करता है। शहर में पानी के कुल 1.84 लाख कनेक्शन हैं। लेकिन सभी कनेक्शनों पर पानी के मीटर नहीं लगने से पानी की बर्बादी होने के साथ ही बिलों की रिकवरी भी नहीं हो रही है।  
110 करोड़ से ज्यादा बकाया  
 
जीएमडीए के 110 करोड़ रुपये से ज्यादा पानी के बिलों बकाया है। निगम अपने उपभोक्ताओं से बिलों की रिकवरी नहीं कर पा रहा है। हर महीने जीएमडीए निगम को लगभग 12 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिल भेजता है।  
1.84 लाख पानी के कनेक्शन  
 
शहर में पानी के कुल 1.84 लाख कनेक्शन हैं। लेकिन सभी कनेक्शनों पर पानी के मीटर नहीं लगने से पानी की बर्बादी होने के साथ ही बिलों की रिकवरी भी नहीं हो रही है। लगभग 40 लाख आबादी को देखते हुए कनेक्शनों की संख्या काफी कम है। पानी की खपत तो ज्यादा है लेकिन उसकी एवज में बिलों की रिकवरी नहीं होने से निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।  
हर महीने 12 करोड़ के बिल, रिकवरी सिर्फ तीन करोड़  
 
जीएमडीए नगर निगम गुरुग्राम को बल्क वाटर सप्लाई के हर महीने 12 करोड़ रुपये के बिल भेजता है, लेकिन नगर निगम इसमें से अपने उपभोक्ताओं से सिर्फ तीन करोड़ रुपये ही वसूल पा रहा है। बिलों की कुल रिकवरी की बात करें तो निगम हर साल सिर्फ लगभग 35 से 36 कराेड़ रुपये ही उपभोक्ताओं से वसूल पा रहा है।  
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य  
  
 - 1.84 लाख पानी के कनेक्शन हैं। 
 
  - 1.5 लाख कनेक्शनों पर भी मीटर नहीं लगे हैं। 
 
  - 40 लाख शहर की आबादी है। 
 
  - 12 करोड़ के बिल जीएमडीए निगम को हर महीने भेजता है। 
 
  - 3 करोड़ रुपये लगभग निगम उपभोक्ताओं से वसूल पाता है। 
 
  - 35 करोड़ रुपये लगभग सालाना रिकवरी है। 
 
  - 145 करोड़ रुपये लगभग सालाना भुगतान निगम को करना होता है। 
 
   |