लक्ष्मी मित्तल की जॉइंट वेंचर कंपनी ने खरीदा रूसी तेल   
 
  
 
नई दिल्ली। स्टील टाइकून और भारतीय अरबपति कारोबारी लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) के एक एनर्जी जॉइंट वेंचर ने उन जहाजों से ट्रांसपोर्ट किया गया रूसी तेल खरीद लिया है, अमेरिका की बैन लिस्ट में शामिल हैं। यह जानकारी सैटेलाइट इमेज, शिपिंग डेटा और कस्टम्स रिकॉर्ड के आधार पर सामने आई है। 
पंजाब के बठिंडा में गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी, जो लंबे समय से UK में रहने वाले मित्तल की को-ओनरशिप वाली एक बड़ी ऑयल रिफाइनरी है, को इस साल कम से कम चार क्रूड शिपमेंट मिले, जिनकी कीमत लगभग $280 मिलियन (करीब 2470 करोड़ रुपये) थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
   
किन जहाजों के जरिए हुई शिपमेंट  
 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लक्ष्मी मित्तल के जॉइंट वेंचर को मिली शिपमेंट ज्यादातर रूस से आईं और प्रतिबंध वाली लिस्ट में शामिल जहाजों से लाई गईं। गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी भारत की 10वीं सबसे बड़ी रिफाइनरी है, जो हर साल 11.3 मिलियन टन तेल प्रोसेस कर सकती है। 
यह तेल जुलाई और सितंबर के बीच अमेरिका द्वारा ब्लैकलिस्ट किए गए जहाजों पर आर्कटिक बंदरगाह मरमंस्क से ओमान की खाड़ी तक ले जाया गया था।  
इन बातों की नहीं है जानकारी  
 
रिपोर्ट में कहा जा रहा कि यह पता नहीं चला है कि तेल को बैन किए गए टैंकरों में भेजने का इंतजाम किसने किया था और न ही यह पता चला है कि रिफाइनरी की ओनर कंपनी HPCL-Mittal Energy Limited (HMEL) को इन जहाजों के इस्तेमाल के बारे में पता था या नहीं। 
HMEL मित्तल ग्रुप के एक हिस्से और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एक जॉइंट वेंचर है, जिसमें दोनों की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी के मुताबिक, बाकी 2 परसेंट हिस्सेदारी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के पास है।  
कौन हैं लक्ष्मी मित्तल  
 
फोर्ब्स के अनुसार लक्ष्मी मित्तल की नेटवर्थ 1.91 लाख करोड़ रुपये है। वे दुनिया के 110वें सबसे अमीर शख्स हैं। लक्ष्मी मित्तल $62.4 बिलियन (रेवेन्यू) वाली आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन हैं, जो आउटपुट के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी स्टील और माइनिंग कंपनी है। 
स्टील के कारोबार वाले परिवार से आने वाले मित्तल अपने भाई-बहनों से अलग होकर मित्तल स्टील शुरू की और फिर 2006 में इस कंपनी को फ्रांस की आर्सेलर के साथ मिला दिया।  
 
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