बादलों के पानी गिराने से तापमान में कमी का दौर शुरू हो चुका है।   
 
  
 
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में चक्रवातीय परिस्थितियों की वजह से बादलों ने पानी और पारा दोनों ही गिरा रखा है। माना जा रहा है कि एक दो दिन और बादलों की सक्रियता का असर बना रह सकता है। मौसम विभाग ने दो दिन और अलर्ट जारी किया है। इसके बाद वातावरण में गलन और ठंडक का व्यापक असर शुरू हो जाएगा।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 29.3°C दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.4 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 20.6°C दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक रहा। इस दौरान आर्द्रता न्यूनतम 79% और अधिकतम 83% फीसद दर्ज की गई। मंगलवार की देर रात कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी दर्ज की गई। जिसकी वजह से तापमान में कमी आई।  
 
सुबह कुहासे की स्थिति आंचलिक क्षेत्रों में नजर आई तो वहीं ठंडक का व्यापक असर भी बना रहा। ठंडी हवाएं लोगों को सिहराती रहीं तो दूसरी ओर वातावरण में घुली ठंड का असर लोगों को सताता रहा। माना जा रहा है कि नवंबर माह की शुरुआत के साथ ही ठंडक का व्यापक असर शुरू हो जाएगा और कोहरे के असर से ठंड का व्यापक प्रभाव नजर आने लगेगा।    
 
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना गंभीर चक्रवाती तूफान “मोंथा“ आंध्रप्रदेश तट से टकराया है। वर्तमान प्रेक्षणों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने गंभीर चक्रवाती तूफान “मोंथा“ के आंध्रप्रदेश तट पर लैंडफाल की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है जो आगामी 3-4 घण्टों तक चलेगी।  
 
इसके बाद इसके उत्तर-उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए उत्तरोत्तर कमजोर होते इसके अवशेष के प्रभाव से 29-31अक्टूबर के दौरान दक्षिणी एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में झोंकेदार हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा के साथ 30-31 अक्टूबर के दौरान पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी वर्षा के साथ मीरजापुर और वाराणसी मंडल के कुछ जिलों में बहुत भारी वर्षा होने की भी संभावना है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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