भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद।
राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग के बहुचर्चित वन भूमि घोटाले में वहां के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद को भी एसीबी ने अभियुक्त बनाया है। विधायक पर आरोप है कि उन्होंने प्रतिबंधित वन भूमि खरीदी थी। वन भूमि से संबंधित कुछ जमीन का पावर भी उन्होंने गलत तरीके से ले रखा था। इस मामले में पहले से नेक्सजेन आटोमोबाइल के संचालक विनय सिंह व उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के अलावा हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे आरोपित हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे व उनके करीबी नेक्सजेन के संचालक विनय सिंह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। अब भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद के विरुद्ध भी एसीबी कार्रवाई की तैयारी में है। विधायक पर आरोप है कि वे कारोबारी विनय सिंह के रजिस्ट्री में गवाह भी बने थे। एसीबी ने बाद में हजारीबाग के तत्कालीन अंचलाधिकारी शैलेश कुमार व जमीन दलाल विजय सिंह को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था।
एसीबी ने विधायक के माध्यम से खरीदी गई जमीन का ब्यौरा भी खंगाला है। अभी जांच जारी है। बताया जा रहा है कि पूर्व में वे जमीन रहे हैं। एसीबी उन सभी जमीन का ब्यौरा खंगाल रही है। प्रारंभिक जांच में एसीबी को वन भूमि की जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में उनके विरुद्ध साक्ष्य मिले हैं।
अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग कर किया घोटाला
हजारीबाग के तत्कालीन अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग कर जमीन घोटाला किया है। एसीबी ने एसीबी थाना हजारीबाग में दर्ज कांड संख्या 11/2025 में निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे, नेक्सजेन आटोमोबाइल के मालिक विनय सिंह व उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह सहित अन्य को आरोपित बनाया है।
विनय सिंह ने वर्ष 2010 में वन भूमि की रजिस्ट्री करवा ली थी। इसमें हजारीबाग के सदर अंचल के बभनवे मौजा में खाता नंबर 95 के तीन प्लाट पर 28 डिसमिल व खाता नंबर 73 के एक प्लाट पर 72 डिसमिल वन भूमि की जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
पहले मिली शिकायत के बाद एसीबी ने प्रारंभिक जांच (पीई) की थी। पीई में ही यह स्पष्ट हो गया था कि हजारीबाग में बड़ा वन भूमि घोटाला हुआ है। इसके बाद एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति ली और फिर नियमित केस दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू की है।
सारे आरोप बेबुनियाद, जांच कर ले एसीबी - प्रदीप प्रसाद
एसीबी द्वारा वन भूमि खरीदने संबंधी आरोपों पर हजारीबाग के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा है कि सच्चाई कभी छिपती नहीं है। एसीबी पूरे मामले की जांच कर ले। सारे आरोप बेबुनियाद हैं। सच्चाई यह है कि उक्त जमीन वर्ष 1915 का ही रजिस्ट्री केवाला है। 110 साल का केवाला कैसे गलत हो सकता है?
उसपर विगत 35-40 वर्षों से कोल्ड स्टोरेज, कत्था फैक्ट्री बना हुआ है। जमींदारी काल से चली आ रही जमीन को वन भूमि कहा जा रहा है। सत्य की जीत होती है। अगर जांच होती है तो वे उसका पूरी सच्चाई व दस्तावेजी तथ्यों के साथ सामने आकर सामना करेंगे। |