इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से शनिवार को पासआउट होकर खुद भी लेफ्टिनेंट आयुष पाठक बन गए।
जागरण संवाददाता, देहरादून: जिस रिश्ते की शुरुआत ही वर्दी से हो, वहां देश सेवा खुद-ब-खुद जीवन का लक्ष्य बन जाती है। उत्तर प्रदेश के मथुरा के आयुष पाठक, जिनकी मंगेतर पहले से ही भारतीय सेना में कैप्टन हैं, शनिवार को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से पासआउट होकर खुद भी लेफ्टिनेंट बन गए। वर्दी से जुड़ा यह प्रेम केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण की कहानी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेफ्टिनेंट आयुष पाठक की कहानी इसलिए भी खास है, क्योंकि उनकी मंगेतर पहले से ही भारतीय सेना में कैप्टन हैं। वर्दी से जुड़ा यह रिश्ता सिर्फ प्रेम का नहीं, बल्कि देश के लिए समर्पण का प्रतीक भी है। एक-दूसरे की प्रेरणा बनकर दोनों ने सेवा का रास्ता चुना।
आयुष के पिता महादेव पाठक भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं, जबकि उनकी बड़ी बहन निधि पाठक भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं। उनके जीजा भी वायुसेना में अधिकारी हैं। इस तरह पाठक परिवार का हर सदस्य किसी न किसी रूप में देश की रक्षा में जुटा है।
इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) की पीपिंग सेरेमनी के दौरान जब परिवार सैन्य वर्दी में एक साथ नजर आया, तो वह दृश्य भावुक करने वाला था। बेटे के कंधों पर सितारे सजते देख मां मंजू पाठक की आंखें भर आईं वह पल गर्व, त्याग और प्रेम का संगम था।
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