प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।  
 
  
 
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के तोषखाने में ठाकुरजी के खजाने का पता लगाने के लिए मंदिर उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के आदेश पर गठित टीम दो दिन खाेजबीन करती रही। टीम गर्भगृह के गेट संख्या चार की ओर कमरे के अंदर तोषखाना की जांच कर रही है। सेवायतों का मानना है कि ठाकुरजी का खजाना तो उनके गर्भगृह में स्थापित सिंहासन के नीचे है। वहां तक तो टीम अब तक पहुंच ही नहीं सकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
मंदिर सेवायत ने कहा वास्तु के हिसाब से हर मंदिर में सिंहासन के नीचे होता है खजाना  
 
   
 
मंदिर सेवायत कहते हैं वास्तु के अनुसार हर मंदिर में ठाकुरजी का खजाना सिंहासन के नीचे ही होता है। ऐसे में मंदिर का खजाना भी ठाकुरजी के सिंहासन के नीचे ही है, जहां तक टीम अब तक नहीं पहुंची। तोषखाना में एक रास्ता दिखाई दे रहा है, जिसके आगे दीवार दिखाई दे रही है। संभवत: वही रास्ता ठाकुरजी के सिंहासन के नीचे बने तहखाने का रास्ता हो सकता है।  
 
   
मंदिर के तोषखाना में होकर ही है ठाकुरजी के सिंहासन के नीचे खजाने का रास्ता  
 
   
 
मंदिर सेवायत आचार्य प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी ने कहा टीम को दो कमरों में जो भी वस्तुएं मिली हैं, वह तो इन कमरों में ही रखी जाती रही हैं। लेकिन, मंदिर का मुख्य खजाना तो ठाकुरजी के सिंहासन के नीचे है। यहां तक तो टीम अब तक पहुंच ही नहीं सकी है। ठाकुरजी के सिंहासन के नीचे खजाना होने का प्रमाण भी सेवाधिकारियों को मिलता है, जब गर्भगृह का पानी नीचे तहखाने में पहुंचता है। जिस तहखाने में जांच कमेटी पहुंची है, वह पूरी तरह से सूखा हुआ है। वह कहते हैं कि इससे स्पष्ट हो रहा है कि टीम मुख्य खजाने तक तो पहुंच ही नहीं सकी है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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