आपदा में हर घायल की एक मिनट में मेडिकल रिपोर्ट देगा रोबोटिक रोवर

Chikheang 2025-10-28 18:42:37 views 1235
  

अमेरिका में रोबोटिक रोवर के साथ डीटीयू के छात्र



धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। युद्ध, हादसा या भूकंप जैसी आपदा के दौरान बहुतायत अधिक लोगों के आहत (मास कैजुअल्टी) की स्थिति में चंद मिनट में घायलों का चिकित्सा मूल्याकंन (मेडिकल असेसमेंट) हो सकेगा। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने ऐसा रोबोटिक रोवर तैयार किया है जो घायल या बेसुध व्‍यक्ति कितना गंभीर स्थिति में है, उसे कितनी चोट लगी है, घायल की श्वसन दर, रक्त प्रवाह आदि जानकारी जुटा लेगा। रोवर घायलों में से यह भी चिन्हित करेगा कि किस घायल की हालत अति गंभीर है और किसकी गंभीर व सामान्य। इस नवाचार से बड़ी आपदा के दौरान घायल लोगों को तत्क्षण उपचार देकर जन हानि को कम से कम किया जा सकेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पेटेंट की प्रक्रिया में भी बढ़ी आगे

विशेष बात यह है कि यह रोवर रात के समय में भी काम करेगा। हाल ही में अमेरिका की डिफेंस एडवांसड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी की ओर से आयोजित पेशेवर अनुसंधान स्पर्धा में देश के इस इकलौते नवाचार को दूसरा स्थान मिला और डेढ़ लाख डालर (1.32 करोड़ रुपये) का पुरस्‍कार मिला है। भारतीय इंजीनियरिंग नवाचार के लिए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लगभग दो माह पहले भारतीय सेना के अधिकारी भी इस नवाचार को देख-परखकर प्रशंसा कर चुके हैं। और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) की टीम इसके पेटेंट की प्रक्रिया की दिशा में भी आगे बढ़ चुकी है।
ड्रोन व रोवर ऐसे करेगा काम

डीटीयू के यूएएस (मानवरहित हवाई प्रणाली) इकाई के छात्रों ने मास कैजुअल्टी के दौरान घायलों को ढूंढ़ने और चिकित्सक तक पहुंचने में लगने वाले समय को न्यूनतम स्तर पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण नवाचार किया है। छात्रों ने ड्रोन व रोबोटिक रोवर तैयार किया है। बहुतायत संख्या में घायल होने वाली आपदा के समय ड्रोन की मदद से पता लगाया जाएगा कि कहां-कितने घायल हैं। ड्रोन आसमान से मैपिंग कर घायलों की लोकेशन रोबोटिक रोवर के पास भेजेगा, इसके बाद रोवर अपनी तकनीक से घायलों की मेडिकली जांच करेगा। जो घायल बोलने की अवस्‍था में उनसे बात करेगा। शरीर के किस हिस्से में घातक चोट लगी, कहां ज्यादा दर्द महसूस हो रहा, आंखें खुली हैं या बंद हैं, रक्त प्रवाह, श्वसन दर (रेस्परेटरी रेट) आदि जानकारी घायल से लेकर रोवर चिकित्सकों के पास भेजेगा। हर घायल का चिकित्सा मूल्याकंन मिलने के बाद चिकित्सकों को इलाज करने में आसानी होगी। यानी, रोवर बनाएगा कि घायलों में किस की सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति है। गंभीर और मामूली रूप से घायलों के बारे में बताएगा। चिकित्सा मूल्याकंन के बाद रोवर तीन श्रेणी में घायलों की स्थिति को वर्गीकृत करेगा।
एक मिनट में एक घायल की जानकारी जुटा

अनुसंधान टीम के प्रमुख चिराग सहगल ने बताया कि इस समय रेस्क्यू टीम को घायलों को ढूंढ़ने और फिर घायलों के चिकित्सा मूल्याकंन में काफी समय लगता है। रात के समय अक्सर रेस्क्यू आपरेशन रोक देना पड़ता है। ड्रोन व रोबोटिक रोवर की मदद से यह काम बहुत कम समय में हो जाएगा। चिराग के अनुसार, रोवर एक मिनट में एक घायल से बात करके उसकी मेडिकल रिपोर्ट चिकित्सक के पास भेज सकता है। रोवर में उन्नत डीप लर्निंग माडल का प्रयोग किया गया है। इसमें आरजीबी कैमरा, लेडर (लिडार), इन्‍फ्रारेड, रडार समेत आनबोर्ड सेंसर लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से रोवर आहतों के महत्वपूर्ण संकेतों का आकलन करेगा। यह प्रणाली कम रोशनी, धुएं और अव्यवस्थित वातावरण में काम करते हुए पीड़ित के महत्वपूर्ण संकेतों, गति और प्रतिक्रिया क्षमता का पता लगा सकती है। 26 सितंबर से चार अक्‍टूबर के बीच अमेरिका के पेरी जार्जिया में दी हवाई जहाज हादसे के माक ड्रिल प्रेजेंटेशन के दौरान तीन रोवर ने 30 गुणा 30 क्षेत्रफल के क्षेत्र में 25 से 30 घायलों के बीच पहुंचकर एक मिनट में एक घायल का चिकित्सा मूल्याकंन किया। बकौत सहगल डीटीयू के माध्यम से इस नवाचार को पेटेंट कराने की प्रकिया शुरू कर दी है। खास बात यह है कि 25 सदस्यीय अनुसंधान दल में शामिल सभी स्नातक इंजीनियरिंग कोर्स के छात्र हैं। इस दल में छात्र आदित्य भाटिया, आदित्य विक्रम सिंह, अक्षत कौशल, अर्णव जोशी, अनुज, गुनमय झिंगरन, निशांत चांदना, सक्षम जैन, उपदेश दुआ आदि शामिल हैं। अनुसंधान दल की फैकल्टी इंचार्ज प्रोफेसर एच. इंदू व डाॅ. छवि धीमान हैं।
जीवनरक्षक निर्णयों में तेजी

“इन छात्रों द्वारा विकसित ट्राइएज रोबोटिक्स प्रणाली भारत के आपदा प्रबंधन और आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया ढांचे के लिए अत्यधिक उपयोगी है। आपदा के बाद गोल्डन अवर्स में मानव जोखिम को कम करते हुए जीवनरक्षक निर्णयों में तेजी ला सकते हैं। ऐसे स्वायत्त ट्राइएज रोबोट पीड़ितों का पता लगाने और उन्हें प्राथमिकता देने के हमारे तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं, खासकर जटिल भूभागों, ढही हुई संरचनाओं या खतरनाक क्षेत्रों में।“

-प्रो. संतोष कुमार पूर्व कार्यकारी निदेशक, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान पूर्व निदेशक, सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
141579

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.