गायघाट से जदयू प्रत्याशी कोमल सिंह और सीएम नीतीश कुमार।
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। कुछ माह पहले वैशाली की लोजपा सांसद वीणा देवी ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था, गायघाट सीट लोजपा या जदयू के खाते में जाए, चुनाव कोमल सिंह ही लड़ेंगी। अब जबकि जदयू ने मंगलवार को जिले में उम्मीदवारों की सूची जारी की तो गायघाट सीट से कोमल सिंह ही प्रत्याशी बनीं। यह सीट जदयू एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह और पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव की प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दिनेश प्रसाद सिंह की पत्नी वीणा देवी और महेश्वर यहां से विधायक रहे। इस विधानसभा चुनाव में यह सीट अगली पीढ़ी को सौंपने की लड़ाई थी। यही कारण था कि पिछले माह गायघाट में एनडीए के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से लेकर मैदान तक महेश्वर यादव और दिनेश प्रसाद सिंह के समर्थकों में भिड़ंत हो गई थी।
दिनेश प्रसाद सिंह की बेटी कोमल सिंह और महेश्वर प्रसाद यादव के पुत्र प्रभात किरण मंच पर ही भिड़ गए थे। इस घटना के बाद से दोनों गुटों ने गायघाट की सीट को प्रतिष्ठा से जोड़ लिया। एनडीए की सीट शेयरिंग के बाद अंदरखाने से बात निकली की गायघाट सीट लोजपा के खाते में चली गई।
इसके बाद महेश्वर गुट निराश हो गया। यह इसलिए कि सीट लोजपा में जाते ही कोमल का नाम तय मान लिया गया। सोमवार रात के बाद रणनीति में बदलाव हुआ। गायघाट सीट को लोजपा से फिर जदयू के खाते में आ गई। इसके बाद चर्चाएं तेज हो गईं।
महेश्वर गुट ने फिर ताकत झोंकी, मगर देर शाम के बाद फिर निराशा ही हाथ लगी। कोमल सिंह की उम्मीदवारी पर जदयू ने मुहर लगा दी।
प्रभात किरण ने कहा, मेरे साथ धोखा हुआ। बहुत मेहनत की थी, मगर उसका इनाम नहीं मिला। कोमल सिंह ने कहा, जबसे मां यहां विधायक थीं तबसे गायघाट की गली-गली को जानती और समझती हूं। दस वर्षों से यहां मेहनत कर रही थी। मुख्यमंत्री ने मुझपर विश्वास जताया है। |