प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)  
 
  
 
संवाद सूत्र, कुचायकोट (गोपालगंज)।आगामी छह नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। अभी तक केवल दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक राजनीतिक दल ने प्रत्याशियों की घोषणा की है।  
 
अन्य प्रमुख दल और गठबंधन अपने पत्ते खोलने से बच रहे हैं। इस स्थिति के बीच संभावित प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं।  
 
लगभग तीन सप्ताह शेष रहने के बावजूद प्रत्याशियों की घोषणा न होने से आम जनता में उत्सुकता और चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। चाय-पान की दुकानों, चौक-चौराहों और बाजारों में राजनीतिक बहस जोरों पर हैं, जिनमें स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
रविवार को कुचायकोट बाजार स्थित एक दुकान पर जुटे लोगों की चर्चा में जनता की जागरूकता साफ नजर आई। सुगंध कुमार का कहना था, अब जनता जागरूक हो गई है। केवल चुनावी वादों से नहीं, बल्कि जमीनी कार्यों से ही जनता का समर्थन मिलेगा।  
 
रजनीश राय ने सासामुसा चीनी मिल का मुद्दा उठाते हुए कहा, पिछले सात वर्षों से मिल बंद है, जिससे हजारों किसान प्रभावित हैं। यह चुनावी मुद्दा बनना ही चाहिए। डॉ. प्रिंस कुमार ने शिक्षा, रोजगार और भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दे बताया, वहीं ओमप्रकाश यादव ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर चिंता जताई।  
 
आर्यन सिंह और दीपक कुमार ने उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी और पलायन की समस्या को अहम बताते हुए समाधान की मांग की। जनता की यह सक्रियता इस बात का संकेत है कि इस बार मतदाता भावनाओं से नहीं, मुद्दों के आधार पर निर्णय लेने की तैयारी में हैं।  
 
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