अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में इस तारीख से लें बाघ की दहाड़ और हाथियों की चिंघाड़ का आनंद, जिप्सी सफारी शुरू करने की तैयारी

Chikheang 2025-10-23 22:07:53 views 1274
  

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में घूमता बाघ। सौ. एआर रहमान।



जागरण संवाददाता, बिजनौर। वन विभाग ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को जिप्सी सफारी कराने की तैयारी शुरू कर दी है। एक नवंबर से अमानगढ़ में जिप्सी सफारी का आगाज हो सकता है। फिर से देश दुनिया के लोग अमानगढ़ में प्रकृति की अदभुत सुंदरता का नजारा देखने के लिए आएंगे। बाघ की दहाड़ और हाथियों की चिंघाड़ उन्हें आकर्षित करेगी। अमानगढ़ में वन्यजीवों का ध्यान रखते हुए रूट में किसी तरह का परिवर्तन इस बार भी नहीं किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की भरमार
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की भरमार है। यहां रायल बंगाल टाइगर, हाथी, भालू, गुलदार, लकड़बग्घे, हिरनों और चीतल के झुंड भरे पड़े हैं। अमानगढ़ अब तक पर्यटकों की नजरों से दूर था। वर्ष 2022 में अमानगढ़ में पर्यटन का आगाज करते हुए जंगल सफारी शुरू कराई गई थी। पिछले सीजन में भी साढ़े तीन हजार से अधिक पर्यटकों ने अमानगढ़ की सैर की थी।

इस वर्ष एक नवंबर से पर्यटन शुरू कराने का प्रस्ताव

आमतौर पर फारेस्ट रेंज में 15 नवंबर से पर्यटन का आगाज होता है लेकिन इस वर्ष एक नवंबर को पर्यटन शुरू कराने के लिए शासन ने प्रस्ताव मांगा था। वन विभाग ने अपनी तैयारियों का ब्योरा शासन को भेज दिया था जिस पर अब तक कोई आपत्ति नहीं जताई गई है। माना जा रहा है कि इस वर्ष एक नवंबर से ही अमानगढ़ में जिप्सी सफारी का आगाज हो जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई हैं।
एसडीओ वन विभाग अंशुमान मित्तल कहते हैं कि अमानगढ़ में पर्यटन की तैयारी शुरू कर दी गई है। रास्ते के दोनों ओर वन्यजीवों को दिखाने व सुरक्षा के लिए व्यू लाइन बनाई जा रही है। एक नवंबर से जिप्सी सफारी शुरू होने की संभावना है।

रहेगा वही पुराना रूट

अमानगढ़ में जिप्सी केहरीपुर गेट की ओर से प्रवेश करती है और झीरना गेट तक जाती है। एक ओर से इसकी दूरी लगभग 16 किलोमीटर पड़ती है। झीरना गेट पर्यटक चाय-नाश्ते का आनंदले सकते हैं। इसके बाद इसी मार्ग से उन्हें वापस लाया जाता है। इसमें लगभग तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है।

बरसाती नदियों की धारा काटती है रास्ते
अमानगढ़ पहाड़ की तलहटी में बसा है। पहाड़ों पर बरसात से यहां पर जगह जगह बरसाती पानी की धारा विकराल रूप लेकर चलती हैं। ये रास्तों को काट देती हैं। यहां तक कि पेड़ों की जड़ से भी मिट्टी काटकर बहा ले जाती हैं। ये भी एक तरह से सुंदर नजारों को बनाती हैं। नदी द्वारा काटे गए रास्तों की मरम्मत का काम किया जा रहा है।

यह है किराया
2280 रुपये है जिप्सी शुल्क
400 रुपये है गाइड के
300 रुपये प्रवेश शुल्क प्रति वाहन
100 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश चार्ज

प्रवेश का समय
शीतकालीन: नवंबर से मार्च
सुबह 6.30 से दस बजे तक। सायं दो से सूर्यास्त तक।
ग्रीष्मकालीन: अप्रैल से जून
सुबह छह से साढ़े नौ बजे तक। सायं तीन बजे से सूर्यास्त तक।
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