यह दिन पुलिस बल के समर्पण का प्रतीक है।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, जम्मू। देश की रक्षा के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के शहीद जवानों को मंगलवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। जिला जम्मू में इस अवसर पर जोनल पुलिस जम्मू की ओर से तीन कार्यक्रम आयोजित किए गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
मुख्य समारोह गांधी नगर स्थित पुलिस मुख्यालय के गुलशन ग्राउंड में हुआ। इसके अलावा जम्मू रेलवे स्टेशन के सामने स्थित बलिदान स्मारक पर भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के लिए बलिदान स्मारक को विशेष रूप से सजाया गया था।  
 
गुलशन ग्राउंड में आयोजित समारोह में शहीदों की स्मृति में अस्थायी स्मारक बनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) भीम सेन टुटी ने 21 अक्टूबर 2024 से 20 अक्टूबर 2025 के बीच देशभर में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के नाम पढ़े और राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। जवानों ने मार्चपास्ट कर शहीदों को सलामी दी तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।  
गीत की धुन पर झुके हथियार, नम हुई आंखें  
 
जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो क़ुर्बानी... गीत की धुन के साथ जवानों ने देश की रक्षा में बलिदान देने वाले साथियों को श्रद्धांजलि दी। परेड कर रहे जवानों ने हथियार झुका कर शहीदों को नमन किया। इस दौरान मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। विशेषकर बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिजन भावुक हो उठे। कार्यक्रम के अंत में ग्राउंड में बनाए गए शहीदी स्मारक पर अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और नागरिकों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।  
शहीदों के नाम पर लगा रक्तदान शिविर  
 
राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी गुलशन ग्राउंड के ऑडिटोरियम में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया, जो एक सप्ताह तक चलेगा। सोमवार को शुरू हुए शिविर में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने रक्तदान किया। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि इस शिविर में करीब एक हजार पुलिसकर्मी रक्तदान करेंगे।  
बलिदानियों के परिवारों को सशक्त बनाना हमारा दायित्व: आईजीपी  
 
जम्मू जोन के आईजीपी भीम सेन टुटी ने कहा कि लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बल के जवान समाज के सच्चे नायक हैं। जम्मू पुलिस इन बलिदानों के परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह दिवस 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीन की सेना के हमले को रोकते हुए शहीद हुए एसआई करम सिंह और सीआरपीएफ की पहली, दूसरी और तीसरी बटालियन के दस बहादुर जवानों की स्मृति में मनाया जाता है। 
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