दुनिया की सबसे बड़ी चोरी कहां हुई? (लूव्र म्यूजियम फोटो- रॉयटर्स)  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित प्रसिद्ध संग्रहालय में से एक लूव्र म्यूजियम में रविवार को बड़ी चोरी की घटना हुई है। चोरों ने डिस्क कटर की मदद चोरी की घटना को अंजमा दिया और महज मात्र 7 मिनट में संग्रहालय के बेशकीमती गहने लेकर फरार हो गए। म्यूजियम में चोरी का इतिहास लंबा रहा है। यहां हम आपको कुछ ऐसे म्यूजियम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बड़ी चोरियां हुई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
दरअसल, पेरिस के मशहूर लूव्र म्यूजियम में चोरी का इतिहास लंबा रहा है। इससे पहले 1911 में एक पूर्व कर्मचारी द्वारा इसकी सबसे प्रसिद्ध कलाकृति, लियोनार्डो दा विंची की मोना लिसा को चुरा लिया गया था। जिसे दो साल बाद बरामद किया गयया था।  
 
इसाबेला स्टीवर्ट गार्डनर संग्रहालय, बोस्टन (1990)  
 
1990 में, दो चोरों ने पुलिस अधिकारियों का वेश धारण करके अमेरिका के बोस्टन स्थित इसाबेला स्टीवर्ट गार्डनर संग्रहालय में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इस दौरान चोरों ने वर्मीर, रेम्ब्रांट और डेगास की कृतियों सहित 13 उत्कृष्ट कृतियां चुरा लीं। इसमें से एक भी कृतियां बरामद नहीं हुई थी।  
वान गाग संग्रहालय, एम्स्टर्डम (2002)  
 
चोरों ने नीदरलैंड के एम्स्टर्डम स्थित एक संग्रहालय की दीवार फांदकर और खिड़की तोड़कर विन्सेंट वान गॉग की दो प्रारंभिक पेंटिंग्स, “व्यू ऑफ़ द सी एट शेवेनिंगेन“ और “कॉन्ग्रिगेशन लीविंग द रिफॉर्म्ड चर्च इन नुएनेन“ चुरा ली थी। हालांकि, 14 साल बाद इस पेंटिंग्स को 2016 में इटली से बरामद किया गया।  
नेशनल गैलरी, नॉर्वे (1994)  
 
एडवर्ड मंच की पेंटिंग “द स्क्रीम“ नॉर्वे की नेशनल गैलरी से चोरी हो गई थी और चोरों ने दस लाख डॉलर की फिरौती मांगी थी। हालांकि, यह पेंटिंग चोरी के तीन महीने बाद बरामद गई। लेकिन इसका दूसरा संस्करण 2004 में चोरी हो गया था, जो 2006 में बरामद हुआ था।  
ग्रीन वॉल्ट, ड्रेसडेन (2019)  
 
जर्मनी के ड्रेसडेन स्थित ग्रुनेस गेवोल्बे (ग्रीन वॉल्ट) संग्रहालय में चोरों ने सेंध लगाकर 18वीं सदी के 21 आभूषण की चोरी की। जिनकी कीमत 98 मिलियन यूरो से ज्यादा थी। इस चोरी में हीरे और अन्य कीमती पत्थर भी शामिल थे।  
मॉन्ट्रियल म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स हीस्ट (1972)  
 
चोरों ने मॉन्ट्रियल म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स से एक रेम्ब्रांट सहित 18 पेंटिंग्स चुरा लीं। वे एक रोशनदान के रास्ते संग्रहालय में घुसकर एक ट्रक में बैठकर भाग गए। इसमें से अब तक केवल एक पेंटिंग ही बरामद हुई है।  
डुलविच पिक्चर गैलरी, लंदन (1966-1983)  
 
साल 1966-1983 के बीच रेम्ब्रांट की जैकब डी गेयन तृतीय की तस्वीर लंदन के डुलविच पिक्चर गैलरी से 17 सालों में चार बार चोरी हुई। लेकिन हर बार बरामद कर ली गई।  
व्हिटवर्थ आर्ट गैलरी, मैनचेस्टर (2003)  
 
ब्रिटेन के मैनचेस्टर स्थित व्हिटवर्थ आर्ट गैलरी से वैन गॉग, पिकासो और गाउगिन की तीन जलरंग कलाकृतियां चोरी हो गईं। लेकिन इसकी दो कलाकृतियां एक सार्वजनिक शौचालय से बरामद की गई।  
 
मुसी डी\“आर्ट मॉडर्न, पेरिस (2010)  
 
साल 2010 में, “स्पाइडर-मैन“ उपनाम से मशहूर वेजेरन टॉमिक पेरिस के म्यूजी डी\“आर्ट मॉडर्न में घुस गया और मैटिस और मोदिग्लिआनी की पेंटिंग्स सहित पांच कृतियाँ चुरा ले गया। ये कृतियां अभी भी बरामद नहीं हुईं हैं।  
 
मोहम्मद खलील म्यूजियम, काहिरा (1977 और 2010)  
 
काहिरा के मोहम्मद खलील संग्रहालय से वैन गॉग की पेंटिंग, “पॉपी फ्लावर्स“, दो बार चोरी हो चुकी है। पहली चोरी 1977 में हुई थी और पेंटिंग 10 साल बाद बरामद हुई थी। इसके बाद 2010 में, यह फिर से चोरी हो गई और अब तक गायब ही है।  
एशमोलियन संग्रहालय, ऑक्सफोर्ड (2000)  
 
साल 2000 में एक चोर ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड स्थित एशमोलियन संग्रहालय में एक रोशनदान से घुसकर 10 मिनट से भी कम समय में सेजेन्स व्यू ऑफ औवर्स-सुर-ओइस को चुरा लिया था।  
 
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