अलर्ट पर चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। दीपावली उत्साह और उमंग का त्योहार है। शाम होते ही घर-घर बच्चे और बड़े पटाखे छोड़ने में मशगूल हो जाते हैं। दीपोत्सव के बाद शुरू हुआ आतिशबाजी का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। कई बार तेज आवाज वाले पटाखों की चपेट में आकर घायल भी हो जाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग में तैयारियां रखने के निर्देश दिए गए हैं। एम्स व जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी तय की है। कहीं भी कोई लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।
जिले में एम्स होने के नाते यहां कई जनपदों से मरीज आते हैं। इसलिए एम्स में 20 बेड का आपदा वार्ड बनाया गया है। इसे पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है। हर स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागाध्यक्षों को भी अलर्ट किया गया है।
इसके साथ ही सीनियर व जूनियर रेजिडेंट, नर्सिंग अधिकारी व अन्य स्टाफ को त्योहार के समय अपरिहार्य कारण पर ही अवकाश दिया जाएगा। इमरजेंसी में कितने और किस तरह के मरीज आ जाए, इसको ध्यान में रखते हुए हर तरह की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने की हिदायत दी गई है।
इसी के साथ ही जिला अस्पताल में भी इमरजेंसी में भी 10 बेड के अतिरिक्त वार्ड को भी साफ सफाई कराकर तैयार किया गया है। सीएमओ की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रोस्टर बनाकर ड्यूटी लगाई गई हैं। हालांकि, सामान्य दिनों में अधिकतर मरीजों को एक्सरे व जांच आदि न होने की बात कहकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
इसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रहने के दावे किए हैं। प्रदूषण के कारण सांस के रोगियों को समस्या बढ़ने की स्थिति से निपटने के विशेष निर्देश दिए गए हैं। एम्स के अपर चिकित्साधीक्षक डॉ. नीरज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सभी चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ को अलर्ट किया गया है।
यह भी पढ़ें- यूपी में रेलवे ने शुरू की नई पहल, अब डिजिटल दर्ज होगी TTE की उपस्थिति; इन स्टेशनों पर हुआ लागू |