बटेश्वर मेले में राम-लक्ष्मण ऊंटों की जोड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
संवाद सूत्र, जागरण l बटेश्वर/आगरा। पशु मेला अब अपनी रौनक बढ़ाने लगा है। भले ही मेला आधिकारिक रूप से 18 अक्टूबर से शुरू हो, लेकिन ऊंट और घोड़ों की आमद ने मैदान को पहले ही जीवंत बना दिया है। बुधवार को ऊंट बाजार में दूर-दराज से आए पशु व्यापारियों की आवाजाही रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऊंटों की जोड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
इनमें राजस्थान के दौसा जिले से आए व्यापारी केशव प्रसाद के ऊंटों का झुंड विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उनके दस ऊंटों में सबसे खास राम-लक्ष्मण नाम की ऊंटों की जोड़ी है, जो न केवल अपने सौंदर्य और ताकत से, बल्कि अपने आपसी प्रेम और स्नेह से भी सबका मन मोह रही है। केशव प्रसाद ने बताया कि इस जोड़ी की कीमत दो लाख रुपये रखी गई है, लेकिन उनकी एक शर्त है, ये दोनों ऊंट अलग-अलग नहीं बिकेंगे। उन्हें एक साथ ही बेचा जाएगा, क्योंकि वे एक-दूसरे से जुदा नहीं रह सकते है।
दोनों में गहरा लगाव
केशव प्रसाद के अनुसार, दोनों के बीच ऐसा गहरा लगाव है कि जब एक ऊंट बीमार पड़ जाता है या चारा नहीं खाता, तो दूसरा भी खाना छोड़ देता है। कई बार ऐसा हुआ है कि जब एक ऊंट उदास हुआ, तो दूसरे ने भी अपना सिर झुका लिया। यह दृश्य देखकर व्यापारी भी भावुक हो जाते हैं। राम-लक्ष्मण की इस जोड़ी ने मेले में मानव रिश्तों से बढ़कर एक निष्ठा की मिसाल पेश की है। उनके बीच का अटूट प्रेम यह सिखाता है कि सच्चे संबंध शब्दों से नहीं, भावनाओं से निभाए जाते हैं। मेला देखने आए ग्रामीण, व्यापारी और बच्चे इन दोनों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। जब सूरज की किरणें ऊंटों की पीठ पर पड़ती हैं और वे साथ-साथ चलते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है मानों दो भाई नहीं, बल्कि एक ही आत्मा के दो रूप हों। |