deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

अपने साथ दुष्कर्म करने वाले बेटे को बचाने के लिए मां बयान से पलटी, फिर भी कोर्ट ने सुनाई सजा

cy520520 2025-10-16 10:37:14 views 974

  



जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दरिंदे बेटे ने चाकू के बल पर शराब के नशे में अपनी सगी मां के साथ दुष्कर्म किया। मां ने बेटे के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। बाद में बेटे के लिए मां की ममता उमड़ पड़ी। मां अपने बेटे को बचाने के लिए अपने बयान से पलट गई, लेकिन साक्ष्य और गवाहों से साबित हो गया कि बेटे ने मां के साथ दुष्कर्म किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कोर्ट ने बुधवार को बेटे को सात वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषी को सजा दिलाने में पुलिस और अभियोजन पक्ष की अहम भूमिका रही।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन शर्मा ने बताया कि टीला मोड़ थाना क्षेत्र में रहने वाली 56 वर्षीय महिला के दो बेटे और दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। चार नवंबर 2021 की रात को उनका छोटा बेटा बाहर गया था। उस दिन दीवाली थी। महिला का पति भी घर पर नहीं थे। वह घर में अकेली थीं।

बड़ा बेटा शराब के नशे में घर आया। उसके हाथ में चाकू था। उसने उसे चाकू दिखाकर डराया और उसके साथ दुष्कर्म किया। मां ने घटना की 112 नंबर पर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

पुलिस ने मां को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। मां ने मजिस्ट्रेट के सामने भी बेटे के खिलाफ बयान दिया। इसके बाद मां ने पुलिस के सामने भी बेटे के खिलाफ बयान दिया। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया। विवेचना कर पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी।

मां के कपड़ों पर बेटे का स्पर्म मिलने की पुष्टि हुई थी। कोर्ट में मेडिकल करने वाले डाक्टर, विवेचक, एफआइआर लिखने वाली सिपाही का बयान लिया गया। बाद में मां कोर्ट में अपने बयान से पलट गई।

मां ने कहा कि बेटे ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया। कोर्ट ने मां के बयान पर विश्वास नहीं किया। साक्ष्य से दुष्कर्म की घटना साबित हो रही थी। बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट सजा पर बहस हुई।

न्यायाधीश रश्मि रानी ने गवाह और साक्ष्य के आधार पर बेटे को दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

दूसरे बेटे और बहन ने दोषी को नहीं बचाया

कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि आरोपित को उसके भाई और बहन उसे बचाने की कोशिश नहीं की। भाई और बहन आरोपित को बचाना नहीं चाहते हैं। यदि आरोपित निर्दोष होता तो भाई और बहन उसे बचाने की कोशिश जरूर करते। अभियोजन पक्ष की ओर से कहा कि बेटा होने की वजह से मां उसे बचा रही थी। न्यायाधीश ने साक्ष्य व गवाह के आधार पर सजा सुनाई।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
66461
Random