Sunjay Kapur की वसीयत को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने की मांग, प्रिया कपूर ने बताया फर्जी।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिवंगत उद्यमी संजय कपूर की 30000 करोड़ की संपत्ति का विवाद बढ़ता जा रहा है। संजय कपूर की पत्नी ने उनकी पूर्व पत्नी करिश्मा कपूर के बच्चाें की ओर से वसीयत को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका को फर्जी बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
उन्होंने करिश्मा कपूर के बच्चाें की तरफ से पेश किए गए तर्काें को बेबुनियाद बताया और कहा कि याचिका खारिज की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष प्रिया कपूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने तर्क दिया कि वसीयत में केवल टाइपोग्राफिकल त्रुटियां या वर्तनी की गलतियां होने से दस्तावेज अमान्य नहीं हो जाता है।  
 
राजीव नायर ने कहा कि संजय कपूर की मृत्यु के सात सप्ताह बाद वसीयत का सामने आना भी उसे अमान्य नहीं करता है। साथ ही सवाल किया कि क्या उक्त तर्क कानून के तहत वसीयत को चुनौती देने योग्य है? उन्होंने कहा मान लीजिए कि मैंने वसीयत अपनी जेब में रखी है और वह उचित समय पर सामने आती है तो क्या उसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा?  
 
उन्होंने कहा कि यह कानूनी विवाद 21 मार्च 2025 की एक वसीयत को लेकर है, जिसमें करीब 30000 करोड़ की संजय कपूर की पूरी निजी संपत्ति प्रिया सचदेव कपूर को दी गई है। वहीं, राजीव नायर ने पीठ के समक्ष कहा कि वसीयत को सत्यापित करने वाले व्यक्ति एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और संजय कपूर के व्यवसाय से जुड़े एक कंपनी सचिव थे।  
 
इससे इसकी विश्वसनीयता का संकेत मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि वसीयत की प्रामाणिकता को प्रमाणित करने के लिए इन गवाहों के हलफनामे अदालत में पेश किए गए थे। प्रिया कपूर की तरफ पेश किए गए तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।  
 
करिश्मा कपूर के बच्चों ने अपने पिता की 30000 करोड़ की संपत्ति में हिस्सा की मांग करते हुए याचिका दायर की है। मंगलवार को करिश्मा कपूर के बच्चों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने वसीयत की वैधता पर गंभीर सवाल उठाए थे।  
 
उन्होंने वसीयत को एक मनगढ़ंत दस्तावेज बताया था। उन्होंने कहा कि यह वसीयत करिश्मा कपूर के बच्चों को विरासत से वंचित करने और संपत्ति पर नियंत्रण मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया था।  
 
यह भी पढ़ें- जन शिकायत आयोग में महज हाजिरी लगाकर चलते बने अधिकारी, उपायुक्त और उपनिदेशक को नोटिस |