चेतना राठौर, नोएडा। शैक्षणिक स्तर में सुधार करने में आन डिमांड परीक्षा बच्चों को उनका करियर स्थापित करने का मौका दे रही है। बोर्ड परीक्षा में दो से तीन विषयों में फेल होने वाले छात्र आन डिमांड परीक्षा से अपनी पढ़ाई को जारी रख पा रहे हैं। कई बार सामने आता है कि छात्र बोर्ड परीक्षा में असफल होने पर पढ़ाई छोड़ देते हैं लेकिन ऐसे छात्रों के लिए यह परीक्षा मददगार साबित हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछले तीन वर्षों में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में 10 वीं कक्षा में 93,737 और 12 वीं कक्षा 1,94,606 छात्रों ने दाखिला लिया है। अधिकतर छात्र ऐसे थे जो विभिन्न बोर्ड में तीन या उससे अधिक विषयों में फेल हो गए थे। उन्होंने आवेदन कर आन डिमांड परीक्षा दी और पास होने के बाद अब उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
छात्र के लिए सुधार का मौका
एनआइओएस की आन डिमांड परीक्षा प्रणाली शिक्षा के क्षेत्र में लचीलापन और अवसरों का नया आयाम देता है। इसकी खासियत यह है कि विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा की तिथि और विषय चुन सकता है। यानी जब आप तैयार हों, तब परीक्षा दे सकते हैं। इससे छात्र स्वयं की सुविधानुसार परीक्षा देकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
12 वी कक्षा के छात्र करते हैं अधिक आवेदन
बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद छात्र आन डिमांड परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड की परीक्षा में असफल हुए छात्रों को एक साल बचाने का अवसर देता है। इस परीक्षा के लिए 12 वीं कक्षा के छात्रों के अधिक आवेदन पहुंचते हैं। क्योंकि 12 वीं कक्षा के विद्यार्थी अपना दूसरी बार फिर से परीक्षा देकर अपना समय बर्बाद करना नहीं चाहते हैं।
पिछले तीन सालों में पहुंचे आवेदन
10 वीं कक्षा 10 वीं में आवेदन-
वर्ष- आवेदन
2023 - 28,234
2024 -47,600
2025 -17,903
12 वीं कक्षा में पहुंचे अधिक आवेदन-
वर्ष- आवेदन
2023 - 72,610
2024 -66,923
2025 -55,073
संस्थान का प्रयास है कि एनआइओएस की आन डिमांड परीक्षा प्रणाली देश के हर कोने तक पहुंचे और प्रत्येक विद्यार्थी को यह स्वतंत्रता मिले कि वह अपनी सुविधा और योग्यता के अनुसार सीख सके, समझ सके और परीक्षा दे सके।
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प्रो. अखिलेश मिश्र, अध्यक्ष, एनआइओएस |