अमितेष, मधेपुरा। चुनावी चौसर सज चुका है। पहलवान का पता नहीं है। पहले तो दोनों गठबंधनों का सीन क्लियर नहीं हो रहा था। रविवार को राजग ने गठबंधन की गांठ सुलझाते हुए जब सीटों का एलान किया तो यह साफ हो गया कि जिले की चारों विधानसभा सीट जदयू के खाते में है। इधर, महागठबंधन में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। गठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस व अन्य पार्टियों के खाते में कौन सी सीट रहेगी यह भी किसी को पता नहीं है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इधर, एनडीए में सीटों के तालमेल का एलान होते ही यह बिल्कुल साफ हो गया है कि जिले की चारों विधानसभा सीट यथा मधेपुरा, सिंहेश्वर (सुरक्षित), बिहारीगंज और आलमनगर जदयू के खाते में है। इनमें से तीन सीट यानी आलनगरग, सिंहेश्वर (सुरक्षित) और बिहारीगंज के पहलवान कौन होंगे यह मोटे तौर पर साफ हो चुका है। सिर्फ मधेपुरा सीट पर जदयू में घमासान की स्थिति है।  
 
बिहारीगंज और आलमनगर से सीटिंग विधायक निरंजन मेहता और नरेंद्र नारायण यादव का टिकट तय माना जा रहा है। इसी तरह सिंहेश्वर (सुरक्षित) सीट से जिलाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री रमेश ऋषिदेव के टिकट पर भी असमंजस की स्थिति नहीं दिख रही है।  
 
हॉट सीट बन चुके मधेपुरा विधानसभा सीट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल के पौत्र निखिल मंडल, पूर्व सांसद आरपी यादव के पुत्र प्रो. सत्यजीत यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष विजेंद्र यादव व गुड्डी देवी के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष मंजू देवी के नाम की चर्चा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मधेपुरा सीट के लिए प्रत्याशी चयन कर लिया गया है, मंगलवार को सिंबल दिया जाएगा।   
महागठबंधन में बिहारीगंज सीट पर कांग्रेस ने फंसाया पेच:   
 
इधर, सर्वाधिक चर्चा महागठबंधन की हो रही है। खासकर राजद की। एक तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मसला हल नहीं हुआ है दूसरा जिले की चार में से किसी भी सीट पर प्रत्याशी का चेहरा साफ नहीं हो पाया है। उहापोह की स्थिति यह है कि मधेपुरा के सिटिंग विधायक प्रो. चंद्रशेखर व सिंहेश्वर के चंद्रहास चौपाल का भी टिकट कंफर्म नहीं माना जा रहा है।  
 
इन दोनों सीट पर राजद के दर्जन भर दावेदार पार्टी कार्यालय पटना में डटे हैं। वहीं, बिहारीगंज सीट पर कांग्रेस ने पेच फंसा दिया है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में रही इस सीट को कांग्रेस अपने खाते में जोड़ रही है, जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश कार्यालय तक राजद की मंशा बिहारीगंज सीट को अपने पाले में रखने की है।  
 
इसी तरह कमोवेश आलमनगर सीट की भी स्थिति है। गत चुनावों में राजद के खाते में रही सहनी मतदाता बहुल इस सीट को कभी वीआइपी तो कभी राजद के खाते में होने की बात कही जा रही है। पार्टी सूत्रों को अनुसार मंगलवार को सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। कौन सी पार्टी किस सीट से लड़ेगी और किसे टिकट मिलेगा सब क्लियर हो जाएगा। |