deltin33 • 2025-10-10 00:06:41 • views 769
चिंतन शिविर में राज्य विश्वविद्यालयों को दिया छात्रों को लखपति बनाने का लक्ष्य। प्रतीकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों को प्रत्येक वर्ष 10 हजार छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया है। यह घोषणा उन्होंने दो दिवसीय चिंतन शिविर शिक्षा संवाद के उद्घाटन अवसर पर की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राजपुर रोड स्थित होटल हयात सेंट्रिक में आयोजित चिंतन शिविर शिक्षा संवाद में उच्च शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस और संबद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे उन्हें प्रतिमाह कम से कम एक लाख रुपये का रोजगार पैकेज प्राप्त हो सके। इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्लेसमेंट सेल की स्थापना करना अनिवार्य किया गया है। मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से हजारों छात्रों को रोजगार दिलाया गया है, उसी तरह अब उच्च शिक्षा में भी रोजगारपरकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
चिंतन शिविर के प्रथम दिन पांच सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और एनईपी-2020 के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। दूसरे सत्र में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और अनुसंधान एवं नवाचार पर विचार प्रस्तुत किए गए। तीसरे सत्र में उद्यमिता और रोजगार को लेकर उच्च शिक्षा में स्किल गैप और प्लेसमेंट की चुनौतियों पर चर्चा हुई। चतुर्थ सत्र इंडस्ट्री-एकेडेमिया लिंकेज को मजबूत करने पर केंद्रित रहा, जिसमें उद्योग आधारित पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप को प्रमुखता दी गई। पांचवें सत्र में नशा मुक्त उत्तराखंड विषय पर विचार-विमर्श किया गया।
एनआइआरएफ रैंकिंग के लिए लक्ष्य निर्धारित करें संस्था : सीएस
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने उच्च शिक्षा संस्थानों को एनआइआरएफ रैंकिंग प्राप्त करने को लक्ष्य निर्धारण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि नैक ग्रेडिंग से संस्थानों में सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड को माडल स्टेट बनाने की प्रतिबद्धता जताई। शिविर में देशभर के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राचार्य और विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने सुझाव साझा कर राज्य की उच्च शिक्षा को और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया। |
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