deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

ट्रांसजेंडर महिलाओं से दुष्कर्म का अपराध BNS में शामिल करने की मांग, दिल्ली HC ने केंद्र से मांगा जवाब

cy520520 2025-10-9 06:35:57 views 825

  

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए वरिष्ठ वकील एन हरिहरन को नियुक्त किया न्यायमित्र।



जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ट्रांसजेंडर महिलाओं के साथ दुष्कर्म के अपराध को मान्यता देने की याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर केंद्र सरकार काे नोटिस जारी कर छह सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले में अदालत की सहायत के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन को न्यायमित्र नियुक्त किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

याचिकाकर्ता चंद्रेश जैन की ओर से दायर जनहित याचिका में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 63 की व्याख्या कर ट्रांस महिलाओं को शामिल करने का आग्रह किया गया है। वर्तमान में बीएनएस धारा 63 कहती है कि यदि कोई पुरुष किसी महिला का शारीरिक शोषण करता है तो वह दुष्कर्म करता है। हालांकि, इसमें ट्रांसजेंडर शामिल नहीं हैं।

पीठ ने कहा कि याचिका में अदालत से बीएनएस के अध्याय- पांच के प्रावधानों की व्याख्या करने का आग्रह किया गया है, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित हैं, ताकि ट्रांसजेंडर और ट्रांस बच्चों को भी इसमें शामिल किया जा सके। याचिका में कुछ अन्य मुद्दे भी उठाए गए हैं। सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद हरिहरन ने कहा कि अपराध को मान्यता देना संभव हो सकता है।

हालांकि, पीठ ने कहा कि बीएनएस के अध्याय-पांच (महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध) में ट्रांसजेंडर और बच्चों को शामिल करने के प्रावधान की प्रथमदृष्टया व्याख्या संभव नहीं हो सकती है। उक्त तथ्यों को देखते हुए अदालत ने सहायता के लिए एन हरिहरन काे न्यायमित्र नियुक्त करने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि अदालत की प्रथमदृष्टया राय है कि यह व्याख्या शायद संभव नहीं होगी। अगर ऐसा संभव होता, तो आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म को अपराध बनाना) की व्याख्या ट्रांसजेंडर महिलाओं को भी शामिल करने के लिए की जाती। जनहित याचिका में बीएनएस के अध्याय-पांच के संरक्षण को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों तक बढ़ाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

यह भी पढ़ें- अवैध निर्माणों के खिलाफ याचिका लगाने वालों पर दिल्ली HC की सख्त टिप्पणी, लगाया 50 हजार का जुर्माना
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
124062