चीनी ठग की मदद से ऑनलाइन नौकरी का झांसा देकर करते थे ठगी, तीन गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। चीनी ठग की मदद से आनलाइन नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले तीन आरोपितों को पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों में शब्बीर अहमद, मो.सरफराज और मो. दिलशाद शामिल हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने पांच मोबाइल फोन, 10 पासबुक, 14 चेकबुक और पांच लाख रुपये बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में पता चला कि ये आरोपित कमीशन पर चीनी ठग को बैंक खाता उपलब्ध करवाते थे, जिसमें 2.60 करोड़ रुपये जमा पाए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खाते में रिटर्न दिखाया गया
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त दरादे शरद भास्कर ने बताया कि 11 सितंबर को तिलक नगर में रहने वाली महिला नर्स ने साइबर सेल में ठगी की शिकायत की। इसमें उसने बताया कि इंस्टाग्राम पर उन्हें अंशकालिक नौकरी का विज्ञापन मिला। इस पर संपर्क करने पर उन्हें टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया और उच्च रिटर्न का वादा करके कार्य-आधारित नौकरियों में पैसा लगाने के लिए राजी किया गया। उसने 15.94 लाख रुपये का निवेश किया। खाते में रिटर्न दिखाया गया, लेकिन पैसे वापस लेने के लिए लगातार उनसे निवेश करवाया गया।
सोशल मीडिया एप्स खंगाले गए
साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास कुमार बुलडक के नेतृत्व में पुलिस ने लेनदेन और आरोपितों के मोबाइल नंबर की जांच की। साथ ही इंस्टाग्राम और टेलीग्राम चैनलों के तकनीकी विश्लेषण किया गया। जांच में पाया गया कि रकम आरोपित शब्बीर अहमद से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है। बाद में चेक से इस खाते से धनराशि निकाली गई है। जांच आगे बढ़ाने पर पता चला कि बैंक खाते अल्पावधि के लिए संचालित किए गए थे। तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने शब्बीर अहमद के बारे में जानकारी लेकर उसे उत्तम नगर से गिरफ्तार कर लिया। बैंकों के सीसीटीवी फुटेज में ठगी के पैसे निकालने में शामिल दो अन्य की पहचान कर बटला हाउस से मो. सरफराज और मो. दिलशाद को गिरफ्तार कर लिया गया।
खाते में 2.60 करोड़ रुपये किए जमा
जांच में पता चला कि आरोपितों के खातों के खिलाफ नेशनल क्राइम पोर्टल में 26 शिकायतें दर्ज हैं। आरोपितों के चीनी ठग को मुहैया करवाए गए खाते में 2.60 करोड़ रुपये जमा पाए गए हैं। पुलिस अन्य सहयोगियों की पहचान करने और चीनी संचालकों को हस्तांतरित धन का पता लगाने की प्रयास कर रही है। दिलशाद ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह एक साल पहले टेलीग्राम के जरिये चीनी ठग के संपर्क में आया। उसने उसे पांच प्रतिशत कमीशन के बदले ठगी की गई रकम हासिल करने के लिए भारतीय बैंक खातों की व्यवस्था करने का काम सौंपा था। वह सरफराज के साथ मिलकर बैंक खातों की व्यवस्था करता था।
क्रिप्टोकरेंसी में बदली जाती थी ठगी की रकम
दिलशाद सरफराज के साथ मिलकर बैंक खाते खुलवाता था और उससे ठगी की रकम निकालता था। उसके बाद रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने के बाद वालेट के जरिये चीनी ठग को ट्रांसफर करता था। पूछताछ में पता चला कि शब्बीर अहमद एक प्रतिशत कमीशन पर नकदी निकालने में इनकी मदद करता था। इस पूरे गिरोह का सरगना सरफराज है। वह एमबीए करने के बाद अंशकालिक नौकरी कर रहा था, लेकिन बाद में चीनी ठग के संपर्क में आकर ठगी का गैंग चलाने लगा। दिलशाद गोरखपुर के डीडीयू कालेज से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है, जबकि शब्बीर पेशे से पेंटर है।
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