पांच अक्टूबर को हृदय गति रुकने से मौत (फोटो: पीटीआई)  
 
  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में ईशनिंदा के झूठे आरोपों में 13 वर्षों की कैद के बाद पास्टर की मौत हो गई। अल्पसंख्यक अधिकार समूह ने मंगलवार को बताया कि पास्टर ने ऐसे अपराध के लिए 13 वर्ष जेल में बिताए जो उन्होंने किया ही नहीं था, हालांकि बाद में उन्हें झूठे ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
वॉयस आफ पाकिस्तान माइनारिटी (वीओपीएम) के अनुसार , पास्टर जफर भट्टी की रिहाई के दो दिन बाद ही, पांच अक्टूबर को हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। वर्षों की यातना, अपमान और उपेक्षा के कारण उनकी सेहत काफी खराब हो गई थी।  
 
  
 
वीओपीएम ने कहा, पाकिस्तान के अनगिनत ईसाइयों और अल्पसंख्यकों की तरह, पास्टर जफर ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग के निशाना बन गए। यह ऐसा कानून है जिसने आस्था को हथियार और न्याय को मजाक में बदल दिया है। 13 साल तक उन्हें जेल की कोठरियों में बंद रखा गया।  
 
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)  
 
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