आजम खान, अखिलेश यादव की फाइल फोटो।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, रामपुर। 23 माह सीतापुर जेल में बिताने के बाद हाई कोर्ट से जमानत पर छूटे सपा नेता मोहम्मद आजम खां अलग-अलग अंदाज में बयान देकर सियासी पंडितों की भी धड़कने बढ़ाते रहे हैं। अपनी उपेक्षा के लिए पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर अतीत में तल्खी दिखा चुके आजम कभी यह भी कहते हैं कि सपा अध्यक्ष उनसे जेल में मिलने आए थे और उनकी बेहद इज्जत करते हैं। वहीं इशारों-इशारों में पार्टी छोड़ने तक के संकेत भी दे चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
हाल ही में उनके बयान, ‘मुझे ताबेदारी से मिले निजात’ को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी तरह खराब स्वास्थ्य के बावजूद अपनी राजनीतिक पारी जारी रखने और पार्टी काडर के लिए पथ-प्रदर्शक की भूमिका के निर्वहन की इच्छा भी जता चुके हैं। आज आजम और अखिलेश की मुलाकात के बाद इस तरह की अटकलों पर विराम लगने की पूरी उम्मीद है। इसको लेकर सपाई उत्साहित हैं।  
 
  
 
निर्धारित कार्यक्रम के तहत सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बुधवार दोपहर 12.30 बजे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के आवास पर पहुंचेंगे। वह यहां एक घंटा रुकेंगे। इस दौरान पार्टी के विधायकों समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। रामपुर के सपाई अखिलेश के आगमन को लेकर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जेल से छूटने के बाद अखिलेश की ओर से आजम खां से कोई बात न किए जाने पर आजम की तल्खी नजर आई थी। उन्होंने कहा था कि वह तो एक छोटे इंसान हैं, उन्हें लेने कौन आता, सीधे अपने घर आ गए। इसी तरह अखिलेश के रामपुर आने के कार्यक्रम पर आजम ने कहा था कि ‘मेरे घर बड़े लोग आएंगे तो हमारी इज्जत बढ़ेगी।’  
 
  
 
हालांकि धीरे-धीरे उनके सुर बदल भी गए। कई बार उन्होंने मीडिया के सामने अखिलेश यादव की प्रशंसा भी कर डाली। आजम के जेल जाने के बाद उनके समर्थकों में एक संदेश यह भी है कि पार्टी ने आजम के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाया। इससे उनके समर्थकों में अखिलेश के प्रति थोड़ी नाराजगी भी व्याप्त है। इसी बीच यह भी कयास लगाए गए कि आजम खां सपा छोड़कर आजाद समाज पार्टी या बसपा में शामिल हो सकते हैं।  
 
  
 
मगर आजम खां ने जेल से छूटने के कुछ दिन बाद ही यह कहकर इन कयासों पर विराम लगा दिया था कि ‘हमारे पास एक चरित्र नाम की चीज है, हम बिकाऊ माल नहीं है, यह हमने साबित कर दिया है।’ आजम खां और अखिलेश के बीच चल रहे शीत युद्ध को लेकर सपाई दो फाड़ में बंटे दिख रहे हैं। बुधवार को दोनों की मुलाकात के बाद पार्टी यह संदेश देगी कि दोनों एकमत और एकजुट हैं। दोनों के बीच रार की बातें महज अफवाह हैं। जिससे कि दो धड़ों में बंटे सपाई एकजुट होकर आगामी पंचायत चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी करें। दोनों की इस अहम मुलाकात के बाद सियासी पंडितों की नजर अखिलेश और आजम की ओर से दिए जाने वाले वक्तयों पर लगी हैं, जिनके मायने अहम होंगे। सपा  
 
  
 
  
सांसद मोहिबुल्लाह भी रहेंगे मौजूद  
 
रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी अखिलेश और आजम की मुलाकात के दौरान मौजूद रहेंगे। दैनिक जागरण को फोन पर उन्होंने बताया कि इसके लिए वह बुधवार को दिल्ली से रामपुर पहुंच जाएंगे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में आजम खां की नाराजगी के बावजूद पार्टी ने मोहिबुल्लाह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इसको लेकर आजम की सांसद से नाराजगी मानी जाती है।  
 
  
 
कुछ दिन पूर्व एक न्यूज चैनल पर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को लेकर पूछे गए सवाल पर आजम खां ने कहा था कि ‘इमाम साहब तो मेंबर आफ पार्लियामेंट हैं, इससे तो हमारी इज्जत बढ़ी है, हम बहुत बड़े जाहिल थे, जो हम उन्हें जानते नहीं थे।’ उनके इस बयान को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।  
 
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