इजरायल हमास के बीच बातचीत शुरू। (फाइल फोटो)  
 
  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा पट्टी पर वार्ता के लिए सोमवार को इजरायल और हमास के अधिकारी मिस्त्र के शर्म अल-शेख शहर पहुंच गए। यह वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की गाजा योजना के तहत होगी। इससे गाजा में दो वर्ष से जारी युद्ध के समाप्त होने और बंधंकों की रिहाई की उम्मीद बढ़ गई है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
हालांकि हमास के निरस्त्रीकरण जैसे कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिससे जल्द किसी समझौते पर पहुंचने की संभावना कम है। यह वार्ता ऐसे समय हो रही है, जब ठीक दो वर्ष पहले सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल में हमला किया था।  
 
  
बंधकों की रिहाई पर होगी बातचीत  
 
  
 
इजरायली सूत्रों के अनुसार, इजरायल के वार्ताकार मिस्त्र के शर्म अल-शेख पहुंच चुके हैं। यह वार्ता बंधकों की रिहाई पर केंद्रित होगी, जो अमेरिकी राष्ट्रपति की 20 बिंदुओं वाली योजना का हिस्सा है।  
 
हमास के अधिकारी वार्ता के लिए पहले ही पहुंच चुके हैं। एक अधिकारी ने उम्मीद जताई कि यह वार्ता जल्द खत्म नहीं होगी। कई दिनों तक चलेगी। त्वरित समझौते की संभावना कम है, क्योंकि युद्धविराम समेत कई व्यापक पहलुओं पर सभी विवरणों को अंतिम रूप दिया जाना है।  
 
  
फलस्तीन अधिकारी ने क्या कहा?  
 
जबकि एक फलस्तीनी अधिकारी ने कहा कि हमास और अन्य फलस्तीनी संगठनों को यह आशंका है कि बंधकों की रिहाई के बाद इजरायल वार्ता से हट सकता है।  
 
हमास के निर्वासित वरिष्ठ अधिकारी खलील अल-हैया के नेतृत्व में संगठन का प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए पहुंचा है। खलील ने पिछले महीने कतर में इजरायली हमले में अपने बेटे को खो दिया था। कतर में हमास का राजनीतिक ठिकाना है, जहां खलील समेत हमास के कई वरिष्ठ नेता रहते हैं।  
 
  
अब तक 67 हजार फलस्तीनियों की गई जान  
 
सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल में बड़े पैमाने पर हमला किया था। करीब 1200 लोगों की हत्या की गई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से ही इजरायल गाजा में हमास के सफाए के लिए अभियान चला रहा है। इसमें अब तक 67 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं। जबकि क्षेत्र में रहने वाले करीब 22 लाख लोगों में से ज्यादातर बेघर हो गए हैं। लोख भुखमरी से जूझ रहे हैं। गाजा में हर तरफ तबाही का मंजर है।  
 
  
इजरायल ने ग्रेटा को निर्वासित किया  
 
इजरायल ने सोमवार को बताया कि उसने स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और 170 अन्य कार्यकर्ताओं को निर्वासित कर दिया है। इन लोगों को ग्रीस और स्लोवाकिया भेज दिया गया है। इन्हें पिछले सप्ताह खाद्य सामग्री लेकर गाजा जा रहे जहाजों से पकड़ा गया था। जहाजों से पकड़े गए स्विस और स्पेनिश कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें इजरायली बलों द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान अमानवीय बर्ताव का सामना करना पड़ा।  
 
  
 
(न्यूज एजेंसी रॉयटर के इनपुट के साथ)  
 
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