पीएम मोदी ने बजट को लेकर की मीटिंग
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जाने-माने अर्थशास्त्रियों और सेक्टर एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की, जिसमें आगामी बजट (Union Budget 2026) के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस अहम बजट मीटिंग के दौरान, उन्होंने अलग-अलग सेक्टरों में मिशन-मोड में कई सुधारों का आह्वान किया।
बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रमण्यम, आयोग के अन्य सदस्यों, अर्थशास्त्रियों और सेक्टर विशेषज्ञ शामिल रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
\“इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग की जरूरत\“
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल कैपेसिटी बनाने और ग्लोबल इंटीग्रेशन हासिल करने के लिए मिशन-मोड सुधारों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का विजन सरकारी नीति से आगे बढ़कर एक सच्ची जन आकांक्षा बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह बदलाव शिक्षा, उपभोग और ग्लोबल मोबिलिटी के बदलते पैटर्न में साफ दिखता है, जिसके लिए एक तेजी से आगे बढ़ते समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर संस्थागत क्षमता और सक्रिय इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग की जरूरत है।
अर्थशास्त्रियों ने क्या दिए सुझाव?
बजट से पहले हुई मीटिंग में अर्थशास्त्रियों ने मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में प्रोडक्टिविटी और कॉम्पिटिटिवनेस बढ़ाने पर रणनीतिक सुझाव दिए। सरकार और स्टेकहोल्डर्स के बीच बातचीत में बढ़ी हुई घरेलू बचत, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाने के जरिए स्ट्रक्चरल बदलाव को तेज करने पर फोकस किया गया।
AI पर फोकस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर चर्चा की गयी, जो अलग-अलग सेक्टर में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद कर सकता है। भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के लगातार विस्तार पर भी बात की गयी।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि प्रतिभागियों के अनुसार 2025 में अलग-अलग सेक्टर में सुधारों की अभूतपूर्व तेजी और अगले साल उनमें और मजबूती आने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत अपनी नींव को मजबूत करके और नए अवसर खोलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपना रास्ता बनाता रहे।
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