deltin33                                        • 2025-10-7 04:06:33                                                                                        •                views 932                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
   प्रतापगढ़ में दिवाली के लिए पटाखों की अवैध डंपिंग की जा रही है। पटाखे की प्रतीकात्मक फोटो।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। किसी भी उत्सव को और यादगार बनाने के लिए पटाखे दगाए जाते हैं। लोगों की इस जरूरत को मुनाफाखोरों ने कमाने का जरिया बनाकर पटाखों की अवैध रूप से डंपिंग व बनाने का काम तेज कर दिया है। गैरकुशल कामगारों से उसको बनवाते हैं। सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है। यह बारूद से सने हाथ हर किसी की जिंदगी के लिए खतरा बन सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
पट्टी के बंद कालेज में बड़े पैमाने पर जब्त हुआ पटाखा  
 
दीपावली को नजदीक देख आतिशबाज व उनके परिवार के लोग पटाखे बनाने व रखने में जुट गए हैं। पट्टी में बंद कालेज में सोमवार को बड़े पैमाने पर कारखाना व डंपिंग पाए जाने से यह साफ है कि कुछ आतिशबाज हादसों की परवाह ही नहीं कर रहे। पुलिस और अग्निशमन विभाग की चेकिंग के बाद भी वह चोरी-छिपे अपना काम कर रहे हैं।  
 
  
 
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अग्निशमन विभाग का चेकिंग अभियान  
 
जिले में कई बार पटाखों के भंडार में विस्फोट होने से हादसे हुए हैं। इसको देखते हुए अग्निशमन विभाग ने लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों की दुकान और गोदाम की चेकिंग अभियान चलाकर की है। 90 आवेदक लाइसेंस पाने के लिए खरे मिले। इसके अलावा तीन दिन का अस्थाई लाइसेंस लेने के लिए भी आतिशबाज लगे हैं।  
 
  
पिछले वर्ष 650 अस्थायी लाइसेंस जारी हुए थे  
 
पिछले साल 650 अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए थे। इस बार यह संख्या बढ़ने की संभावना है। पटाखे की बिक्री खुले स्थान पर करने को कहा गया है। यह नियम कितना अमल में लाया जाएगा, यह तो बाद में पता चलेगा। जनपद में 25 ऐसे लाइसेंसधारक हैं, जो पटाखे बनाते हैं। अन्य दिल्ली, बनारस के साथ मऊआइमा से बड़े पैमाने पर पटाखे लाकर यहां पर उसकी बिक्री करते हैं।  
 
  
 
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रिहायशी इलाकों में जा चुकी है जान  
 
समस्या तब होती है जब वह रिहायशी इलाकों में इसका कारोबार करते हैं, जिससे कई बार हादसे हो जाते हैं। आतिशबाज बगैर प्रशिक्षण के पटाखे बनाने,डंपिंग में लापरवाही पर जिंदगी से हाथ धो चुके हैं। कुछ के तो परिवार तक बेमौत मारे गए हैं।  
 
  
क्या है विभाग का मानक  
 
- जिसके नाम लाइसेंस वही पटाखे का काम करेगा  
 
- बगैर प्रशिक्षण के किसी से बनवाया न ताए  
 
- पटाखों की दुकानों के बीच तीन मीटर की दूरी रहेगी  
 
- हाईटेंशन लाइन के नीचे दुकान नहीं लगने पाएगी  
 
- टिन शेड में दुकान लगानी होगी, टेंट में कतई नहीं  
 
- दुकान में गैस, पेट्रोल डीजल रखना सख्त मना होगा  
 
- आग बुझाने के उपकरण व बालू,पानी रखना होगा  
 
  
 
- पटाखा विस्फोट में नपी थी पूरी रामगंज पुलिस चौकी  
आसपुर देवसरा में 2024 में धमाके में छात्रा घायल हुई थी  
 
पट्टी प्रतिनिधि के अनुसार आसपुर देवसरा के रामगंज बाजार में पटाखों से भरे बंद कमरे में छह जुलाई 2024 को धमाका हो गया था। इससे कमरे की छत उड़ गई और आग लग गई थी। इस घटना पर तत्कालीन एसपी ने पूरी रामगंज पुलिस चौकी निलंबित कर दी थी। घटना में मलबे की चपेट में आकर साइकिल से विद्यालय जा रही एक छात्रा घायल हो गई थी।  
 
  
रामगंज में धमाके से अगल-बगल के घरों में आई थी दरारें  
 
रामगंज बाजार में आलोक त्रिपाठी का एक कमरा बाजार निवासी नन्हे हवाईदार ने किराए पर लिया हुआ था। उसने आतिशबाजी के आइटम डंप करके रखे थे। सुबह अचानक बंद कमरे में धमाका हो गया था। धमाका इतना तेज था कि बगल स्थित अनिल त्रिपाठी, सुभाष चंद्र त्रिपाठी व नीलेश बरनवाल के घर में दरारें आ गईं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो आरोपितों को जेल भेजा था। इतनी बड़ी डंपिंग पर कार्रवाई न करने पर तत्कालीन एसपी डा. अनिल कुमार ने रामगंज चौकी प्रभारी राजेश कुमार और सिपाही अजय यादव, मुकेश गुप्ता, मन्नू, रामनिवास यादव को निलंबित कर दिया था।  
 
  
व्यवसायी के घर विस्फोट में चार की हुई थी मौत  
 
मकूनपुर प्रतिनिधि के अनुसार कोहंडौर के समीप पटाखा व्यवसायी के यहां 2021 में टाइल्स लगाते समय मशीन से निकली चिन्गारी से विस्फोट हुआ था। इस हृदय विदारक घटना में टाइल्स मिस्त्री तथा उसके हेल्पर सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोट इस कदर हुआ था की पटाखा व्यवसायी के घर की छत उड़ गई थी। कोहंडौर इलाके में लगभग दस पटाखा व्यवसायी का लाइसेंस बना हुआ है।  
 
  
पट्टी में 10 लोगों के पास लाइसेंस  
 
पट्टी प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में पटाखा बनाने व बेचने का लाइसेंस 10 लोगों के पास है। इनमें कुछ लोगों के पास बनाने व बेचने दोनों का लाइसेंस है। कुछ लोगों के पास केवल पटाखा बेचने का लाइसेंस है। समय-समय पर पुलिस विभाग के साथ फायर ब्रिगेड इनकी निगरानी करते रहते हैं।  
क्या कहते हैं अग्निशमन अधिकारी  
 
जिले के अग्निशमन अधिकारी राजू कुमार का कहना है कि पटाखा बनाने व बेचने में शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा। मनमानी करने पर लाइसेंस निरस्त कर दुकान बंद करा दी जाती है। चेकिंग अभियान फिर शुरू कर दिया गया है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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