search

एक्शन में श्रम मंत्री अनिल विज, अपने ही विभाग में पकड़ा 1500 करोड़ का घोटाला; सीधे CM सैनी से की शिकायत

LHC0088 7 min. ago views 904
  

श्रम मंत्री अनिल विज ने अपने ही विभाग में पकड़ा 1500 करोड़ का वर्कस्लिप घोटाला। फाइल फोटो



राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज की सतर्कता के चलते हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय से चली आ रही वर्कस्लिप (कार्य रसीद) से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

प्रारंभिक जांच में यह घोटाला लगभग 1500 करोड़ रूपये तक होने की आशंका जताई जा रही है। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए अनिल विज ने इस पूरे प्रकरण की किसी बड़ी जांच एजेंसी से गहन जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है।

श्रम मंत्री अनिल विज ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने पिछले दिनों हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक में सदस्यों की नियुक्ति में अनियमितताओं के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली योजनाओं के लाभ वितरण में काफी गड़बड़ियां पकड़ी थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके बाद विज ने तत्काल जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक तौर पर हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी जिलों में जांच कराई गई, जहां बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।

इसके बाद, राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश जारी कर जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया, जिनमें श्रम विभाग के अधिकारी सहित तीन अन्य अधिकारी शामिल किए गए। इन समितियों द्वारा अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच जारी की गई आनलाइन वर्कस्लिपों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।

यह प्रक्रिया लगभग चार माह पूर्व शुरू की गई थी, जिसमें अब तक 13 जिलों में 100 प्रतिशत सत्यापन पूरा हो चुका है। कुछ जिलों में इस प्रक्रिया का पूरा होना अभी बाकी है।
केवल 53,249 वर्कस्लिप वैध, 5 लाख 46 हजार 509 वर्कस्लिप अवैध

श्रम मंत्री अनिल विज ने बताया कि 13 जिलों करनाल, रेवाड़ी, नूंह (मेवात), महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पंचकूला, सिरसा और कैथल में कुल 5 लाख 99 हजार 758 वर्कस्लिप जारी की गई थीं, जिनमें से केवल 53 हजार 249 वर्कस्लिप वैध पाई गईं, जबकि 5 लाख 46 हजार 509 वर्कस्लिप अवैध पाई गईं।

इसी प्रकार, कुल 2 लाख 21 हजार 517 श्रमिकों के पंजीकरण में से सत्यापन के बाद केवल 14 हजार 240 श्रमिक ही पात्र पाए गए, जबकि 1 लाख 93 हजार 756 पंजीकरण फर्जी पाए गए।
जो पात्र नहीं, वे उठा रहे योजनाओं का लाभ

अनिल विज के अनुसार यह स्पष्ट हो गया है कि कई स्थानों पर गांव के गांव का फर्जी पंजीकरण कर वर्कस्लिप बनाई गईं, ताकि अपात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। एक श्रमिक को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औसतन 2.5 लाख रूपये तक का लाभ दिया जाता है, जिससे सरकार को भारी वित्तीय क्षति होने की आशंका है। जो पात्र नहीं हैं, वे योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। यह सीधी-सीधी लूट है और सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये की आर्थिक हानि पहुंचाई जा रही है।
नए आवेदन स्वीकार नहीं करने के दिए गए निर्देश

सत्यापन समितियों द्वारा कार्यस्थल की वास्तविकता, निर्माण कार्य में सहभागिता, नियोक्ता विवरण, स्थानीय जांच और क्षेत्र भ्रमण सहित सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच अवधि के दौरान आरटीएस की समय-सीमा रोकी गई, सरल केंद्रों को नए आवेदन स्वीकार न करने के निर्देश दिए गए तथा सभी शिकायत निवारण प्लेटफार्मों को आवश्यक सूचनाएं जारी की गईं।

अनिल विज ने स्पष्ट किया कि पहले से स्वीकृत पेंशन योजनाओं को रोका नहीं गया है, जबकि मृत्यु, दुर्घटना एवं अंत्येष्टि सहायता जैसी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जा रहा है।

सुविधाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिक बोर्ड में कामगारों को स्वयं का पंजीकरण करवाना होता है। पंजीकरण करने के लिए श्रमिक का 90 दिन से ज्यादा कार्य करने की वैरीफिकेशन/सत्यापन किया जाता है और वैरीफिकेशन होने के बाद ही पंजीकरण किया जाता है, जिसमें गड़बड़ी हो रही है।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
141920

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com