cy520520 • 2025-12-28 21:27:31 • views 450
पेसा का जारी होगा नोटिफिकेशन। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
राज्य कैबिनेट ने पेसा (पंचायतों के लिए प्रावधान विस्तार) अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पेसा से जुड़ी आधिकारिक अधिसूचना जल्द जारी होगी।
वर्षों से लंबित इस प्रक्रिया के पूरी होने से राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को वैधानिक अधिकार मिलेंगे और स्थानीय निर्णय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी व जन केंद्रित बनेगी।
पेसा अधिनियम का उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों को उनके पारंपरिक अधिकारों के अनुरूप स्वशासन देना है।
यह कानून ग्राम सभा को केंद्र में रखता है और स्थानीय संसाधनों, विकास योजनाओं तथा सामाजिक-आर्थिक मामलों में समुदाय की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करता है। झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में इसकी नियमावली का लागू होना लंबे समय से मांग रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कैबिनेट की मंजूरी का महत्व
कैबिनेट की स्वीकृति के साथ ही पेसा नियमावली को लेकर व्यावहारिक अड़चन दूर हो गई हैं। नियमावली के बिना कानून का प्रभावी क्रियान्वयन संभव नहीं था।
अब अधिसूचना जारी होते ही ग्राम सभाओं को खनिज संसाधनों, जल-जंगल-जमीन, स्थानीय बाजार, सामाजिक परंपराओं और विकास कार्यों पर अपनी राय देने और निर्णय लेने का अधिकार मिलेगा। यह कदम राज्य सरकार की प्रशासनिक इच्छाशक्ति और आदिवासी हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नियमावली लागू होने के बाद ग्राम सभा की अनुमति के बिना कई अहम निर्णय नहीं लिए जा सकेंगे। स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं का चयन, क्रियान्वयन और निगरानी ग्राम सभा के माध्यम से होगी।
इससे न केवल योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ेगी, बल्कि भ्रष्टाचार और मनमानी पर भी अंकुश लगेगा। सरकार का मानना है कि इससे अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी।
सरकार की सकारात्मक पहल
राज्य सरकार ने पेसा नियमावली को तैयार करते समय विभिन्न सामाजिक संगठनों, आदिवासी प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से संवाद किया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि नियम स्थानीय परंपराओं और जरूरतों के अनुरूप हों।
सरकार का यह प्रयास समावेशी नीति निर्माण का उदाहरण माना जा रहा है। पेसा को लागू कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि विकास तभी टिकाऊ होगा, जब स्थानीय समुदाय उसकी भागीदारी में शामिल होंगे।
पेसा नियमावली की मंजूरी को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। आदिवासी अधिकारों को लेकर लंबे समय से चल रही बहस में यह फैसला सरकार की स्थिति को मजबूत करता है। सामाजिक स्तर पर इससे समुदायों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और पारंपरिक स्वशासन प्रणालियों को नया जीवन मिलेगा।
अधिसूचना जारी होने के बाद प्रशासन को प्रशिक्षण देने, ग्राम सभाओं को जागरूक करने और नियमों के पालन की निगरानी की चुनौती होगी। इसके लिए चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार होगी। |
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