deltin33 • 2025-12-28 21:27:16 • views 997
अवैध खनन रोकने गए वन रेंजर पर जानलेवा हमला
संवाद सूत्र, बाराचट्टी। गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत भलुआ गांव के समीप मोहाने नदी में सक्रिय बालू माफियाओं का दुस्साहस एक बार फिर सामने आया है।रविवार की सुबह वन क्षेत्र से हो रहे अवैध बालू उठाव की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंचे बाराचट्टी वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) अरविंद कुमार पर बालू माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
माफियाओं ने उन्हें चारों ओर से घेरकर डंडों से पीटा, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले में उनके सिर में गंभीर चोट आई, अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और चिकित्सकों को सिर में पांच टांके लगाने पड़े।
बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन
रेंजर अरविंद कुमार ने बताया कि मोहाने नदी गौतम बुद्धा वन्यजीव आश्रयणी (सेंचुरी) क्षेत्र में आती है, जहां बालू उठाव पूरी तरह प्रतिबंधित है। सूचना मिली थी कि नदी से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। इसी सूचना के आधार पर वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। कार्रवाई के दौरान एक बालू लदा ट्रैक्टर भी पकड़ा गया था।
जब टीम ट्रैक्टर को लेकर मोहाने नदी से वापस लौट रही थी, तभी पहले से घात लगाए बैठे बालू माफियाओं ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने बताया कि जैसे ही वे अपने वाहन से नीचे उतरे, माफियाओं ने अचानक हमला कर दिया।
लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई की
उतरते ही उनके माथे पर जोरदार प्रहार किया गया, जिससे खून बहने लगा। जान बचाने के लिए वे भागने लगे, लेकिन जंगल की झाड़ियों में छिपे अन्य लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई की। हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण वे असहाय हो गए। इस बीच वाहन चालक भी माफियाओं के भय से वाहन लेकर फरार हो गया।
किसी तरह हमलावरों के चंगुल से छूटकर रेंजर भलुआ चट्टी बाजार पहुंचे और गांव के एक व्यक्ति से मोबाइल लेकर अपने वाहन चालक और अधिकारियों को फोन किया। बाद में चालक वाहन लेकर पहुंचा, जिसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। रेंजर ने पूरे घटनाक्रम की सूचना बाराचट्टी थाना को दी।
हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज
सूचना मिलते ही पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष अमरेंद्र किशोर दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है। वन विभाग की ओर से भी सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष इसी माह में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी सारा असरफ को भी बालू माफियाओं ने कार्रवाई के दौरान घेर लिया था, लेकिन समय रहते पुलिस के पहुंच जाने से एक बड़ी घटना टल गई थी। लगातार हो रही ऐसी घटनाएं क्षेत्र में अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। |
|