deltin33 • 2025-12-28 16:27:43 • views 458
बादल बाबू की फाइल फोटो।
संवाद सूत्र जागरण, बरला। फेसबुक पर हुए संपर्क के बाद अपनी प्रेमिका से मिलने एक वर्ष पहले सरहद पार कर पाकिस्तान गए बरला के गांव खिटकारी के बादल बाबू को न्यायालय ने एक वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। सजा काटने के बाद 26 दिसंबर को उसे जेल से रिहा कर दिया है। उसे फिलहाल पाकिस्तान में डिटेक्शन सेंटर में रखा गया है। वकील ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय में प्रार्थना पत्र भी दिया है। ताकि उसे जल्द ही भारत भेजा जा सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरहद पार कर प्रेमिका से मिलने पाकिस्तान पहुंच गया था
गांव खिटकारी नगला निवासी कृपाल सिंह मजदूरी करते हैं। तीन बेटे व एक बेटी हैं। मझला बेटा बादल बाबू दिल्ली की एक एक्सपोर्ट कंपनी में बतौर रेडीमेड कपड़ों की सिलाई का कार्य करता था। फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के प्रांत ( लाहौर से लगभग 240 किलोमीटर दूर) के मंडी बहाउददीन के माउंग गांव की 21 वर्षीय सना रानी से दोस्ती हो गई। 2 जनवरी 2024 को पहली बार वह सना से मिलने सरहद पार कर गया।
पाकिस्तानी वकील ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र
पाकिस्तान की आर्मी ने उसे पकड़कर हिन्दुस्तान की सेना के हवाले कर दिया। इसके बाद 20 जुलाई को भी सरहद पार कर पाकिस्तान की जमीं पर पहुंच गया। दूसरी बार भी पाकिस्तान की सेना ने हिंदुस्तान की सेना को सौंप दिया। आर्मी के जवानों ने इसके पिता से संपर्क कर बाघा बार्डर बुलाकर इसे पिता के हवाले कर दिया। 23 नवंबर को वह दिल्ली से गांव आया। चार दिन बाद वापस दिल्ली चला गया। पिता कृपाल ने बताया कि उसने तीसरी बार फिर से पाकिस्तान में दाखिल होकर प्रेमिका से मिलने जाने के बारे में बताया था। जिस पर उसे समझाया भी था कि वह ऐसा न करे।
एक सप्ताह में भारत भेजने का दावा
22 दिसंबर 2024 को वह सरहद पार कर प्रेमिका सना से मिलने उसके गांव माउंग पाकिस्तान पहुंच गया। दो दिन तक उसके घर पर रहा। मां बेटी ने उसे घर से भगा दिया तो वहीं नबाब असगर के यहां नौकरी लगा ली। जिसे बकरी चराने काम दिया गया। बकरी चराने के दौरान जब उसके साथी उससे बात करते थे तो वह अपनी भाषा में बात करता था। शक होने पर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
मंडी जेल भेजा था बादल
27 दिसम्बर को वहां के सदर थाने के इंस्पेक्टर अंजुम शहजाद ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने सबकुछ सच बताया कि वह सरहद पार कर यहां सना से मिलने आया है। फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई थी। 10 जनवरी 2025 को पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया। जहां से बहाउददीन मंडी जेल भेज दिया।
जेल में रोजा भी रखा
जेल में उसने इस्लाम भी कबूल कर लिया। जेल में रोजा भी रखा। पुलिस ने सना से भी पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि वह उससे प्यार नहीं करती है। पाकिस्तान की तमाम जासूस एजेंसियों ने जांच भी की। पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। जिसमें उस पर सरहद पार करने का ही आरोप पाया गया। 13 मई को न्यायालय ने बादल को एक साल की सजा सुनाई। इसके बाद बहाउददीन मंडी जेल से पाकिस्तान की किसी दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया।
वकील ने नहीं लिया कोई पैसा, खुद के खर्चे से लड़ा केस
बादल बाबू के पिता ने दिल्ली में एक वकील से संपर्क किया। जिसने पाकिस्तान के करांची के रहने वाले वकील फियाज रामे से आनलाइन संपर्क किया। जिन्होंने पूरी पैरवी के साथ केस को देखा। शुक्रवार को बादल बाबू के पिता को वकील फियाज रामे ने बेटे को सजा पूरी होने के बाद जेल से रिहा होने की मैसेज के जरिए जानकारी दी। एक वीडियो भी भेजा। जिसमें वह कह रहे हैं कि इस केस के जरिए वह करांची से बहाउददीन मंडी न्यायालय जाते थे 300 किलोमीटर की यात्रा करते थे। अपने खर्चे से उन्होंने केस की पैरवी की है। बादल बाबू के पिता से कोई भी खर्चा नहीं लिया गया है। वकील ने यह भी बताया कि फिलहाल बादल को डिटेक्शन सेंटर में रखा गया है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को प्रार्थना पत्र भेजकर विदेश मंती से मांग की है कि बादल को जल्द भारत भेजा जाये। उम्मीद है कि वह एक सप्ताह में अपने देश भारत भेजा जायेगा।
गांव में खुशी, बांटी मिठाई
पाकिस्तान जेल से रिहा होने की जानकारी मिलने पर मां गायत्री देवी व पिता कृपाल सिंह बेहद खुश हैं। मां की आंखों में खुशी के आंसू थे। मिठाई भी बांटी गई। मां का कहना है कि बेटा जेल से रिहा हो गया है। अब मोदी सरकार जल्द उसे वतन बुला ले। |
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