जागरण टीम, लखनऊ। पारा के दौंदाखेड़ा में जिस कुत्ते (टोनी) की बीमारी से सगी बहनों ने बीती 24 दिसंबर को फिनायल पीकर जान दी थी, शनिवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया। परिवारीजन ने उसको वहीं दफनाया, जहां दोनों बहनों का अंतिम संस्कार किया था। घटना के बाद से परिवार के लोग सदमे में हैं।
दौंदाखेड़ा में पिछले एक माह से टोनी नाम का कुत्ता की पेट की बीमारी से जूझ रहा था। कैलाश सिंह की दोनों बेटियां राधा व छोटी बेटी जिया सिंह इलाज करवा रही थी। उसे खाने-पीने से लेकर हर एकचीज का ध्यान वह रखती थी। लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था, तो दोनों अवसाद में चली गई। फिर कुत्ते ने खाना-पीना छोड़ दिया था। जिससे राधा व जिया दोनों बहनें काफी परेशान थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अवसाद के चलते दिनभर कुत्ते के पास बैठी रहती थी, न तो किसी से बात करना न कोई और काम करना। घरवालों को भी यह देखदेख समस्या हो रही थी। बीती 24 दिसंबर को दोनों बाहर किसी से काम से गई, लौट कर आई तो दोनों ने फिनायल पी रखा था। घर पहुंची और मां गुलाबा देवी से कहा कि टोनी का ख्याल रखना।
दोनों की मौत के बाद से कुत्ते का इलाज करवाया जा रहा था, लेकिन शनिवार सुबह अचानक से उसने भी दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिवारीजन ने कुत्ते को वहीं दफनाया, जहां दोनों बहनों का अंतिम संस्कार किया गया था। भाई वीर सिंह का कहना है कि पूरा परिवार कुत्ते की बीमारी के चलते परेशान था।
जब मैं घर आता था तो टोनी पहले ही दरवाजे पर आ जाता था और दुलार करता था। मृतक बहनों की इच्छा पर दोनों बहनों के पास ही टोनी का अंतिम संस्कार किया। वहीं पिता कैलाश सिंह पिछले छह माह से बीमार चल रहे है। दोनों बहनों की मौत के बाद से मां गुलाबा देवी भी बीमार चल रही है। वहीं पारा इंस्पेक्टर सुरेश सिंह के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों बहनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। |