बिना पंजीकरण के अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रहा मरीजों की जिंदगी से खुला खिलवाड़।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर बड़ी संख्या में ऐसे अस्पताल और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं, जिनका न तो स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण है और न ही वहां पर इलाज की बुनियादी सुविधाएं है। इन अवैध अस्पतालों में हर दिन मरीजों की जिंदगी दांव पर लगाई जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंख मूंदकर बैठे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अस्पताल या नर्सिंग होम को संचालित करने से पहले स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण, मान्यता प्राप्त चिकित्सक, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ, अग्निशमन विभाग से एनओसी, आपातकालीन सुविधाएं और स्वच्छता के मानकों को पूरा करना अनिवार्य है।
स्वास्थ्य विभाग में बिना पंजीकरण के संचालित इन अस्पतालों में मामूली बीमारी के नाम पर मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है और महंगे इलाज का डर दिखाकर मोटी रकम वसूली जाती है।
मरीज की तबीयत बिगड़ने पर आनन-फानन में उसे सरकारी अस्पताल रेफरकिया जाता है लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही कई बार मरीज दम तोड़ देते है।
कई अवैध अस्पतालों में न तो आपातकालीन उपकरण होते हैं और न ही आईसीयू या आक्सीजन जैसी जरूरी सुविधाएं हैं। इन अस्पतालों में आपरेशन थिएटर के नाम पर एक छोटा सा कमरा बना है।
सभी एसीएमओ से तहसीलवार टीम बनाकर इसकी जांच कराई जाएगी। ऐसे में जो भी अस्पताल, पैथालाजी और क्लीनिक मानक के विपरीत संचालित होते मिलेंगे उन्हें सील किया जाएगा। -डॉ. ननकूराम, सीएमओ। |