कार्यक्रम स्थल पर माकपाईयों को खरी-खोंटी सुनाती पूर्व विधायक मंजू प्रकाश। जागरण फोटो
संवाद सहयोगी, विभूतिपुर। महागठबंधन के घटक दलों में शामिल भाकपा माले और माकपा में विभूतिपुर मे दरार पैदा हो गया है। विभूतिपुर में सुलग रहे आंतरिक विवाद ने शनिवार को ऐसा रूप लिया जिसने न सिर्फ महागठबंधन की एकजुटता पर गहरे सवाल खड़े किए बल्कि, राज्य और केंद्रीय कमिटी की भी टेंशन बढ़ा दी है। आमने-सामने हुई भाकपा माले और माकपा की सूचना इंटरनेट मीडिया पर प्रचारित हुई तो सियासत के गलियारों में चर्चा का बाजार गरम हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इंटरनेट मीडिया पर प्रचारित विभिन्न पोस्ट पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे। चौक-चौराहों, गली-मुहल्लों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच आगामी विधानसभा के संभावित चुनाव परिणाम के भी कयासों का दौर जारी है। बताया जाता है कि माकपा विधायक अजय कुमार द्वारा पतैलिया में एक सड़क उद्घाटन कार्यक्रम से ठीक पहले माकपा कार्यकर्ता जुटे थे।
विधायक के आने की प्रतीक्षा में सड़क किनारे लगी कुर्सियों पर बैठे थे। तभी भाकपा माले केन्द्रीय कमेटी सदस्य सह पूर्व विधायक मंजू प्रकाश अपने समर्थकों के साथ पहुंची और पहले तो माकपा कार्यकर्ताओं को स्थल पर किसी भी सूरत में कार्यक्रम नहीं करने की बातें कही। कहा कि विधायक की जिद है कि पतैलिया में योजना बोर्ड लगाएंगे। कुछ लोग नहीं चाहते कि कम्युनिस्ट एकता कायम रहे।
उनकी बातें सुनकर कुछेक माकपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें मनाने का प्रयास किया गया। जब पूर्व विधायक मंजू प्रकाश ने इनकी एक भी नहीं सुनी तो माकपा कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह और राजीव कुमार ने विरोध कर दिया। उग्र हुई पूर्व विधायक सह भाकपा माले नेत्री ने पूर्व विधायक रामदेव वर्मा को कतिपय लोगों द्वारा जूता का माला पहनाए जाने का जिक्र करते हुए जमकर बरसीं।
कुछ महीने पहले विधायक के एक अन्य योजना बोर्ड उनके द्वारा हीं तोड़वाए जाने की पुष्टि कर दी। इस बीच पहुंचे माकपा विधायक अजय कुमार ने शांति का परिचय देते हुए अपने कार्यकर्ताओं के साथ उद्घाटन स्थल की ओर रवाना हो गए। पूछे जाने पर विधायक अजय ने बताया कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी सबको है। इसे कुचलने का कुत्सित प्रयास किया गया है। मैं किसी को नहीं रोकता हूं।
पूर्व विधायक ने यह सिद्ध किया है कि उन्हें लोकतंत्र में भरोसा नहीं है बल्कि, राजतंत्र में भरोसा है। ये बहुत गलत और अमर्यादित है। हम अगर, उनके तरफ कदम बढ़ाते तो बहुत बड़ी घटना हो सकता था। सभी माकपा कार्यकर्ताओं को सीधे स्थल तक चलने को कहा और वहां से निकल गए हैं। किसी भी समाज को यह कृत्य स्वीकार्य नहीं होगा।
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