सिद्धार्थ विहार में जलती झाड़ियां। जागरण
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। शहर में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू है, लेकिन पहले चरण के नियमों का ही पालन नहीं हो पा रहा है। कहीं सड़कों पर धूल उड़ रही है तो कहीं कूड़ा जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, सीपीसीबी के अनुसार शनिवार को वसुंधरा की हवा जिले में सबसे जहरीली रही। एक्यूआइ गंभीर श्रेणी में 404 दर्ज किया गया। जिले का एक्यूआइ 361 बेहद खराब श्रेणी में रहा।
जिले में 20 से अधिक जिम्मेदार विभागों के अधिकारी केवल कार्यालयों में बैठकर ही प्रदूषण रोकथाम की योजना बना रहे हैं। कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। न तो कहीं पानी का छिड़काव होता दिखाई दे रहा है और न ही मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई हुई।
अगर यही स्थिति रही तो हवा और जहरीली हो जाएगी। सिद्धार्थ विहार को एनएच-नौ पर जोड़ने वाली सड़क बदहाल हो रही है। इससे यहां सड़कों पर उड़ती धूल प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा यहां दिनभर कूड़ा भी जलता रहा। स्थानीय निवासी एनके नेगी ने इसकी शिकायत प्रदूषण बोर्ड में की है।
इन इलाकों में धूल बढ़ा रही प्रदूषण
यूपीपीसीबी के अधिकारियों की मानें तो सड़कों पर उड़ती धूल वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है। इसके बाद भी इंदिरापुरम पुस्ता मार्ग, साहिबाबाद साइट-चार औद्योगिक क्षेत्र, लोनी-भोपुरा मार्ग, सौर ऊर्जा मार्ग, राजनगर एक्सटेंशन, मेरठ रोड समेत शहर के ज्यादातर मुख्य मार्गों पर दिनभर धूल उड़ती रही। इसका मुख्य कारण सड़कों का टूटना है।
चिमनियों से निकलते धुएं पर अधिकारियों की नहीं पड़ रही नजर
औद्योगिक इकाइयों से निकल रहा धुआं प्रदूषण फैलाता रहा। साहिबाबाद साइट चार, राजेंद्रनगर, मोहननगर, जीटी रोड आदि औद्योगिक क्षेत्र में संचालित इकाइयों की चिमनियों से निकलते धुएं पर अधिकारियों की नजर नहीं गई। जबकि पहले ही दोहरी ईंधन किट के जेनरेटर सेट व पीएनजी कनेक्शन अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश दिए जा चुके हैं।
प्रदूषण फैलने के मुख्य कारण
- सड़कों पर जमा धूल हवा में उड़ने के कारण
- सड़कों के टूटने के कारण उड़ रही धूल
- उम्र पूरी कर चुके वाहनों से निकलता धुआं
- अवैध फैक्ट्रियों से निकलता धुंआ
- औद्योगिक क्षेत्रों में चिमनियों से निकलता धुआं
सीपीसीबी के अनुसार AQI की स्थिति
इलाका AQI
गाजियाबाद
361
इंदिरापुरम
365
लोनी
336
संजय नगर
339
वसुंधरा
404
अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई जारी है। इसके अलावा सभी विभागों को उनके स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। प्रदूषण बोर्ड की पांच टीम निगरानी कर रही हैं। -
अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी। |