जेफ्री एपस्टीन केस की कुंडली।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेफ्री एपस्टीन... इस नाम ने इन दिनों दुनिया में भूचाल मचा रखा है। हालांकि इस व्यक्ति की मौत हो चुकी है लेकिन दुनिया के ताकतवर और रसूखदार लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। दरअसल, जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को अमेरिकी सरकार सार्वजनिक कर रही है और इन दस्तावेजों में दुनिया के अमीर, बिजनेसमैन और नेताओं के नाम भी जुड़े हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हजारों दस्तावेज और करीब 95 हजार तस्वीरें होने का दावा किया जा रहा है, ऐसे में एपस्टीन फाइल खुलना रसूखदार लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है कि न जाने कौन सी लड़की या महिला के साथ उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें या दस्तावेज सामने आ जाएं। तो आइए जानते हैं क्या है एपस्टीन मामला, कब शुरुआत हुई, किसने सबसे पहले इसका खुलासा किया और ये मामला कोर्ट कैसे पहुंचा?
कौन था जेफ्री एपस्टीन?
जेफ्री एपस्टीन का जन्म 1953 में न्यूयॉर्क में हुआ था। सीमोर और पाउला के दो बेटे थे जिसमें एपस्टीन बड़ा था। पिता कंस्ट्रक्शन वर्कर थे तो मां बच्चों के स्कूल में काम किया करती थी। उसने कॉलेज की डिग्री न होने के बावजूद डाल्टन स्कूल में शिक्षक के रूप में अपना पेशेवर जीवन शुरू किया। 1976 में स्कूल से निकाले जाने के बाद, उन्होंने बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में प्रवेश किया। अपनी खुद की फर्म शुरू करने से पहले बियर स्टर्न्स में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया।
इस तरह उसकी अमेरिका के अमीरों से मुलाकात हुई और उनके पोर्टफोलियो को और रिच बनाने का काम करने लगा। कहा जाता है कि वह सिर्फ अमीरों के साथ रही काम किया करता था। पैसे और पैसेवालों के साथ खेलने वाला एपस्टीन ऐश मौज की जिंदगी जीने लगा और यहीं से उसके अपराध की शुरुआत होती है।
क्या है एपस्टीन मामला?
जेफ्री एपस्टीन अब इस दुनिया में नहीं है। उसने अपनी मौत से पहले दुनिया के लोगों के बारे में ऐसा कुछ इकट्ठा किया जो अब सार्वजनिक किया जा रहा। ऐसा क्यों किया जा रहा है? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। एपस्टीन पर यौन अपराध, नाबालिगों का शिकार और इसी तरह की कई चीजों का आरोप लगा।
जेफ्री एप्सटीन की काली कुंडली का खुलासा 2005 में तब हुआ जब अमेरिका के फ्लोरिडा में 14 साल की लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि एपस्टीन ने अपने एक आलीशान घर में मसाज के बहाने बुलाया और यौन संबंध बनाने के लिए जोर डाला। इसी लड़की की शिकायत पर एपस्टीन मामले सबसे पहले जांच शुरू की गई।
जांच में हुए कई बड़े खुलासे
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ने लगी तो हैरान करने वाले खुलासे हुए कि वह अकेली लड़की नहीं थी, 50 और नाबालिग लड़कियों का पता चला जिनके साथ एपस्टीन ने इसी तरह का अपराध किया था। वह किसी की धमकाकर या फिर किसी को पैसों का लालच देकर इस तरह के काम किया करता था।
एपस्टीन हाई-प्रोफाइल पार्टियां करता था और अपने बीच वाले विला और प्राइवेट याट पर हाई प्रोफाइल गेस्ट को बुलाता था। उन्हें नाबालिग लड़कियां परोसता था। उसकी पार्टी की कई फोटो सार्वजनिक हो चुकी हैं। डोनल्ड ट्रंप, बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन और पूर्व ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू तक उसकी गेस्ट लिस्ट में शामिल थे।
किसके लिए काम करता था एपस्टीन?
मामले की जांच तो हुई लेकिन इसका खुलासा नहीं किया गया कि एपस्टीन किसके साथ काम करता था और किसके साथ मिलकर अकूत संपत्ति अर्जित की। उसके पास पेरिस, न्यूयॉर्क, मैक्सिको जैसे बड़े शहरों में आलीशान घर थे तो वह आईलैंड का भी मालिक था।
उसकी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जांच में बुरी तरह फंसने के बाद भी वह आजाद पंछी की तरह उड़ता रहा। जेल की सजा तो मिली लेकिन वह दिन में जेल से बाहर घूम सकता था। उसे 13 महीने की मामूली सजा मिली।
जेफ्री एपस्टीन मामले की पूरी टाइमलाइन
- मार्च 2005 में एक 14 साल की लड़की से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
- मई 2006 में पाम बीच पुलिस ने एपस्टीन पर नाबालिग से अवैध यौन संबंध के कई आरोपों में मुकदमा चलाने की मांग की।
- जुलाई 2006 में मामले ग्रैंड जूरी को सौंपा गया और अभियोग तय होने पर एपस्टीन की गिरफ्तारी हुई।
- जून 2008 एपस्टीन ने 18 वर्ष से कम उम्र की पीड़िताओं को वेश्यावृत्ति के लिए उकसाने के आरोपों को स्वीकार किया और 18 महीने की जेल की सजा हुई।
- मई 2009 में अन्य पीड़िता, वर्जीनिया रॉबर्ट्स गिफ्रे ने मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि एपस्टीन और उसकी साथी मैक्सवेल ने उसे राजघरानों के सदस्यों, राजनेताओं, शिक्षाविदों, कारोबारियों से यौन संबंधों बनाने के लिए मजबूर किया।
- जुलाई 2009 में ही एपस्टीन जेल से रिहाई हो गई। एपस्टीन के वकीलों ने गुप्त डील के जरिए उसे संघीय मुकदमे से बचा लिया।
- मार्च 2011 में डेली मेल ने गिफ्रे का साक्षात्कार प्रकाशित किया, जिसमें उसने 17 वर्ष की उम्र में एपस्टीन के साथ लंदन यात्रा और उस समय प्रिंस एंड्रयू के साथ रात गुजारने की बात का खुलासा किया।
- दिसंबर 2014 में गिफ्रे के वकीलों ने अदालत में दायर दस्तावेजों में दावा किया कि उसके विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और वैश्विक नेताओं से भी यौन संबंध हुए।
- जुलाई 2019 में यौन तस्करी के आरोपों में एपस्टीन को फिर से गिरफ्तार किया गया।
- 10 अगस्त 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में एपस्टीन ने आत्महत्या कर ली।
- जनवरी 2024 में संबंधित मुकदमे में और अदालत रिकॉर्ड सार्वजनिक होने के बाद एपस्टीन मामले में फिर से लोगों का ध्यान खींचा। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय यौन तस्करी नेटवर्क से जुड़ी थ्योरीज को हवा मिली।
- 20 जनवरी 2025 में डोनल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने और 2024 के चुनाव अभियान में उन्होंने एपस्टीन से जुड़ी और सरकारी फाइलें सार्वजनिक करने की बात कही थी।
- 25 अप्रैल 2025 में एपस्टीन मामले का खुलासा करने वाली गिफ्रे की मौत हो गई।
- 12 नवंबर 2025 में अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने एपस्टीन और अन्य के बीच ई-मेल पत्राचार का बड़ा संग्रह जारी किया।
- 18 नवंबर 2025 में कांग्रेस ने एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पारित किया और अगले दिन ट्रंप ने इसे कानून बना दिया।
- 19 दिसंबर 2025 को न्याय विभाग ने रिकॉर्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की।
MeeToo कैंपेन और एपस्टीन
2017 में अमेरिका से शुरू हुआ मी टू कैंपेन जेफ्री एपस्टीन के लिए घातक साबित हुआ। ये कैंपेन उन महिलाओं ने चलाया जो सेक्सुअल असॉल्ट की शिकार बनीं। इसके साथ दुनिया की बड़ी मशहूर महिलाओं ने अपने साथ हुए सेक्स शोषण की कहानियां बताईं।
MeToo कैंपेन में वर्जीनिया ग्रिफे नाम की लड़की भी आई और एपस्टीन के कांड खुलने शुरू हुए। 3 साल तक एपस्टीन के शिकंजे में रहकर ग्रिफे के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ। फिर तो लाइन लग गई और करीब 80 महिलाओं ने आरोप लगाकर एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण से लेकर सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप लगाए।
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