cy520520 • 2025-12-20 18:37:15 • views 972
चंबा के बेसहारा बच्चों से सीएम सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने वीडियो कॉल पर बात की।
संवाद सहयोगी, चंबा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने चंबा जिला के उपमंडल सलूणी के भटवाड़ गांव के चार बेसहारा बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने इन बच्चों से वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने न केवल बच्चों का हौसला बढ़ाया, बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मौके पर ही बड़े फैसले लिए।
वीडियो कॉल के दौरान मुख्यमंत्री को जब पता चला कि बड़ी बेटी ने पढ़ाई छोड़ दी है, तो उन्होंने स्नेहपूर्वक उसे समझाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
...पढ़ाई पूरी कर लो फिर अच्छी नौकरी लगेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुम्हें अपनी पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करो। पढ़ाई ही तुम्हें और तुम्हारे भाइयों को एक बेहतर भविष्य दे सकती है। हालांकि, इस दौरान अपने भाई-बहनों को संभाल रही बड़ी लड़की ने कहा कि वह पढ़ना नहीं चाहती तथा उसकी घर के पास ही नौकरी लगवा दो। इस पर मुख्यमंत्री ने उसे समझाया कि पहले पढ़ाई पूरी कर लो, उसके बाद और अच्छी नौकरी लगेगी।
सरकारी हॉस्टल में रहने की सलाह
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि चारों बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। बच्चों को सरकारी हॉस्टल में रहने का सुझाव दिया, ताकि उन्हें खाने-पीने और रहने की चिंता न रहे। उन्होंने बेटी को आश्वस्त किया कि हॉस्टल में अन्य लड़कियां भी हैं और वहां वे पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
जमीन पर 95 हजार रुपये कर्ज
इस दौरान बच्चों ने बताया कि उनकी जमीन पर लगभग 95,000 रुपये का कर्ज है तो इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन की चिंता मत करो, तुम्हारी जमीन कोई नहीं लेगा। मुख्यमंत्री ने चेन्नई में काम कर रहे उनके भाई की मदद करने का भी आश्वासन दिया।
पिता की मौत के बाद बच्चों को छोड़कर चली गई मां
पंचायत भजोतरा के भटवाड़ गांव के इन बच्चों की कहानी अत्यंत हृदयविदारक है। साल 2021 में पिता की मृत्यु के बाद मां भी बच्चों को छोड़कर चली गई। घर की सबसे बड़ी बेटी, जिसने 10वीं तक पढ़ाई की थी, उसे अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। परिवार आर्थिक तंगी और भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था।
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बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट बनाया
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इन बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट बनाया है। इन बच्चों की पढ़ाई व बाकी सारा खर्च सरकार वहन करेगी। इसके अलावा 27 साल की उम्र तक इन्हें मासिक भत्ता भी मिलेगा। इसके बाद इनकी शादी के खर्च के लिए सरकार मदद करेगी।
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