अश्वनी त्रिपाठी, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों का आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए पेयजल, सीवरेज और सीवेज शोधन सुविधाओं का नया नेटवर्क तैयार किया गया है। उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) एशियन विकास बैंक के सहयोग से 964 करोड़ रुपये की शहरी विकास परियोजनाओं को धरातल पर उतार रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनसे देहरादून व नैनीताल जैसे शहरों में 287 किमी नया सीवरेज नेटवर्क तैयार कर 19 हजार घरों में कनेक्शन दिए गए हैं, वहीं पेयजल नेटवर्क, और उच्च क्षमता वाले सीवेज शोधन संयंत्रों को भी विकसित किया गया है।
134.19 किलोमीटर में बिछाई नई पेयजल लाइन
देहरादून के बंजारावाला व मोथरोवाला क्षेत्रों में पेयजल परियोजना के तहत 134.19 किलोमीटर पेयजल नेटवर्क बिछाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही 8700 के सापेक्ष 8010 पेयजल मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। मीटर से पेयजल की निगरानी के साथ-साथ अपव्यय नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
बंजारावाला से हर्रावाला तक 14 हजार घरेलू संयोजन
देहरादून की यमुना कालोनी व टीएचडीसी देहराखास क्षेत्रों में 31.28 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क व 3505 घरेलू सीवरेज कनेक्शन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा बंजारावाला, मोथरोवाला, रिंग रोड, नत्थनपुर, मोहकमपुर, मियांवाला एवं हर्रावाला क्षेत्रों में 232.61 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क बिछा दिया गया है, 15,247 के सापेक्ष 14,175 घरेलू कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। वहीं नवादा में अनुबंध के बाद सीवरेज कार्य प्रारंभ करते हुए 23 किलोमीटर नेटवर्क व 1519 घरेलू संयोजन दे दिए गए हैं।
प्रथम दो-मंजिला सीवेज शोधन संयंत्र बन रहा
देहरादून के दौड़वाला में 11 एमएलडी एवं नकरौंदा में 18 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयंत्रों का निर्माण कार्य चल रहा है। दौड़वाला में देहरादून का प्रथम दो-मंजिला सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही नैनीताल में 17.5 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित होगी।
टैंक के नीचे बनेगा दो-मंजिला कार्यालय
उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के परियोजना निदेशक अभिषेक रूहेला ने बताया कि शासन के निर्देश पर शहरी विकास की सभी परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। नवादा-बद्रीपुर क्षेत्र में दो स्वचालित पंपिंग इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे 10 किलोमीटर निचले क्षेत्रों को सीवर सुविधा का लाभ मिलेगा। बंजारावाला में 1900 किलोलीटर क्षमता के टैंक के नीचे भूमि का उपयोग कर दो-मंजिला कार्यालय की स्थापना की जा रही है, जहां से बंजारावाला पेयजल परियोजना की निगरानी की जाएगी। |