ट्रंप ने रक्षा नीति बिल पर हस्ताक्षर किए (फाइल फोटो )
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों में जुट गए हैं। इसी कवायद में उन्होंने एक सालाना रक्षा नीति बिल पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें भारत के साथ साझेदारी को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। इस विधेयक में ¨हद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने और चीन से उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए क्वाड के जरिये सहयोग बढ़ाने का जिक्र भी किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रंप ने रक्षा नीति बिल पर हस्ताक्षर किए
ट्रंप ने गुरुवार को \“राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम वित्तीय वर्ष 2026\“ पर हस्ताक्षर किए। उनके हस्ताक्षर से यह कानून बन गया है। इसमें यह कहा गया है कि विदेश मंत्री अमेरिका-भारत रणनीतिक सुरक्षा वार्ता के तहत न्यूक्लियर लायबिलिटी रूल्स के संबंध में भारत सरकार के साथ एक संयुक्त परामर्श तंत्र स्थापित करेंगे।
इसमें युद्ध (रक्षा) मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रमों, विदेश मंत्रालय, गृह सुरक्षा मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और अन्य कार्यकारी विभागों व एजेंसियों के लिए वित्तीय वर्ष की राशि आवंटित करने का निर्देश भी दिया गया है।
क्वाड के जरिये सहयोग बढ़ाने का जिक्र
ट्रंप ने बयान में कहा, \“यह कानून ताकत के जरिये शांति कायम करने के मेरे एजेंडे को लागू करेगा। घरेलू और विदेशी खतरों से मातृभूमि की रक्षा करने और रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत बनाने के लिए युद्ध मंत्रालय को सक्षम बनाएगा। इससे उन फिजूल और कठोर कार्यक्रमों के लिए धन मुहैया कराने पर लगाम लगेगी, जिनसे हमारे देश के सैन्य कर्मियों की युद्ध लड़ने की भावना कमजोर होती है।\“
अधिनियम में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों को लेकर संसद के ²ष्टिकोण को रेखांकित किया गया है। इसके तहत रक्षा मंत्री को ऐसे प्रयास जारी रखने चाहिए, जिनसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के रक्षा गठबंधन और साझेदारियां मजबूत हों ताकि चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका को बढ़त मिल सके।
भारत-अमेरिका साझेदारी को बढ़ावा
अधिनियम में क्वाड के जरिये मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा उद्देश्य को बढ़ावा देना, द्विपक्षीय व बहुपक्षीय संवादों, सैन्य अभ्यासों में भागीदारी, विस्तारित रक्षा व्यापार, मानवीय सहायता एवं आपदा प्रतिक्रिया को लेकर सहयोग और समुद्री सुरक्षा को लेकर अधिक सहयोग प्रदान करके भारत-अमेरिका साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
2017 में गठित चार देशों के इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |