ओमान में बढ़ेगी बिहार के चावल-मखाना और सब्जियों की बिक्री
जागरण संवाददाता, पटना। ओमान के साथ हुए हालिया व्यावसायिक समझौते का असर बिहार की अर्थव्यवस्था और स्थानीय उत्पादों पर दूरगामी होने की उम्मीद है। इस समझौते से बिहार के कृषि, हस्तशिल्प और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उत्पादों को खाड़ी देशों के बाजार तक सीधी पहुंच मिलेगी, जिससे निर्यात को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष (बीआईए) रामलाल खेतान ने बताया कि ओमान खाड़ी देशों में एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। वहां बिहार के पारंपरिक और कृषि आधारित उत्पादों की अच्छी मांग है। खासकर चावल, मखाना, शहद, मसाले, सब्जियां, फल, हैंडलूम और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात की संभावनाएं मजबूत हुई हैं। इससे स्थानीय किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।
हस्तशिल्प, मखाना आदि के लिए होगा बेहतर
बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि यह समझौता बिहार के मखाना उद्योग के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। मखाना पहले से ही खाड़ी देशों में स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद के रूप में लोकप्रिय है। ओमान के रास्ते अन्य खाड़ी देशों तक पहुंच आसान होने से इसके निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। इसी तरह भागलपुरी सिल्क, मधुबनी पेंटिंग और सूत आधारित वस्त्रों को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद है।
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मिलेगा अधिक लाभ
सीआईआई के बिहार अध्यक्ष गौरव साह ने कहा कि इस समझौते से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी बल मिलेगा। बिहार सरकार द्वारा स्थापित फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को अब अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन का अवसर मिलेगा। इससे राज्य में कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि ओमान के निवेशक बिहार में कृषि आधारित उद्योग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में निवेश को लेकर भी रुचि दिखा रहे हैं। यदि यह निवेश धरातल पर उतरता है तो इससे राज्य में औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
वैश्विक पहचान में आएगी मजबूती
आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार के उत्पादों की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में भी मदद करेगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर जोर देने से बिहार के उत्पाद वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बना सकेंगे।
बीआईए के पूर्व महासचिव सीए आशीष रोहतगी ने बताया कि ओमान के साथ हुआ यह व्यावसायिक समझौता बिहार के लिए आर्थिक विकास का नया द्वार खोल सकता है। यदि सरकार और उद्योग जगत मिलकर इस अवसर का सही उपयोग करते हैं, तो आने वाले वर्षों में बिहार निर्यात के क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकता है। |