मध्य प्रदेश के सतना में एक सरकारी अस्पताल से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है। यहां थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया था, जिसके बाद उनका HIV टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। इस लापरवाही के बाद प्रशासन ने इस प्रक्रिया में शामिल डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है। यह मामला सरदार वल्लभभाई पटेल सरकारी अस्पताल का है। 16 दिसंबर को जांच के दौरान सामने आया कि थैलेसीमिया से जूझ रहे इन बच्चों की रिपोर्ट HIV पॉजिटिव आई है। थैलेसीमिया एक इनहेरिटेड ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
बच्चों को चढ़ाया गया था खून
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आशंका जताई जा रही है कि इन बच्चों को जनवरी से मई के बीच दूषित खून चढ़ाया गया, जिसके कारण उन्हें HIV संक्रमण हुआ। मामले की जांच जारी है और स्वास्थ्य विभाग ने पूरी प्रक्रिया की जांच के आदेश दे दिए हैं। सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है, इसी वजह से उन्हें हाई-रिस्क श्रेणी में माना जाता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही बच्चों में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई, तुरंत उनका एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) से इलाज शुरू कर दिया गया।
सरकार कर रही मामले की जांच
डॉ. शुक्ला के मुताबिक, ब्लड बैंक से मिलने वाले सभी खून की जांच नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) के नियमों के तहत की जाती है और अगर कोई सैंपल दूषित पाया जाता है तो उसे नष्ट कर दिया जाता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिसे अधिकारियों ने बेहद संवेदनशील बताया है, केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों की एक संयुक्त जांच टीम ने अस्पताल का दौरा किया। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किन हालात में HIV संक्रमित खून बच्चों को चढ़ाया गया।
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हुई ये कार्रवाई
मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस मामले की जांच के लिए 16 दिसंबर को छह सदस्यीय समिति बनाई है। इसके साथ ही सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की टीमें भी राज्य स्तर की समितियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। ये टीमें ब्लड बैंक के लाइसेंस, निगरानी व्यवस्था और संचालन की भी जांच कर रही हैं। राज्य चिकित्सा टीम के अध्यक्ष डॉ. योगेश ने बताया कि यह पैनल पूरे मामले की सही क्रम में जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गलती कहां हुई। उन्होंने कहा कि जांच पूरी गोपनीयता के साथ की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही अंतिम नतीजे सामने लाए जाएंगे।
मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कड़ा कदम उठाते हुए ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल और दो लैब टेक्नीशियन को सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई इंडिया टुडे की रिपोर्ट और जांच समिति की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इसके अलावा, ज़िला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे लिखित जवाब मांगा गया है। अधिकारियों ने साफ कहा है कि अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। |