प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक्सपायर्ड और मिसब्रांडेड खाने-पीने के प्रोडक्ट्स बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ कर सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपित हर्शे कंपनी के एक्सपायर्ड चाॅकलेट खरीदकर उसका रीपैकेजिंग कर बेच देता था। आकर्षक ऑफर के जरिये आरोपित ऑनलाइन प्रोडक्टस बेचता था। इसके गोदाम से भारी मात्रा में चाॅकलेट सहित कई ब्रांड्स के एक्सपायर्ड सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने चार जगहों पर स्थित इसके गोदाम लेखू नगर, त्रिनगर में दो, भीकाजी कामा प्लेस में एक और मोती नगर के एक गोदाम को सील कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डिपार्टमेंटल स्टोर का शुरू किया काम
डीसीपी पंकज कुमार के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सरगना का नाम अतुल जालान है। वह त्रिनगर का रहने वाला है। उसकी एक कंपनी है जो खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन ट्रेडिंग करती है। पहले वह शेयर मार्केट में काम करता था। बिजनेस में भारी नुकसान होने पर उसने रोजाना इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स बेचने वाले डिपार्टमेंटल स्टोर का बिजनेस शुरू किया लेकिन यह नुकसान पूरा करने के लिए काफी नहीं था।
बिचौलियों से किया संपर्क
आरोपित अतुल ने मुनाफा कमाने के लिए एक देसी तरीका अपनाया। उसे पता था कि आम आदमी हमेशा अपनी जरूरतों के लिए रुपए बचाने में दिलचस्पी रखता है। उसने कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स खरीदने और उन्हें फेस्टिव ऑफर के बहाने ऑनलाइन या किसी और तरह से कम कीमत पर बेचने की संभावना तलाशी। उसे पता था कि जब प्रोडक्ट्स की एक्सपायरी डेट पास होती है, तब बड़े ब्रांड उन्हें कम कीमतों पर बेच देते हैं। उसने ऐसे डील करवाने वाले बिचौलियों से संपर्क किया।
कुछ अन्य आरोपितों की भी की गई पहचान
इसके बाद आरोपित ने मुंबई में कुछ लोगों की पहचान की और बहुत कम कीमतों पर ऐसे सामान खरीदना शुरू कर दिया जो जल्द ही एक्सपायर होने वाले थे और बेकार हो जाते। इसके बाद वह अपनी सच्चाई दिखाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन और किसी भी दूसरे मकसद के लिए जाली कागजात तैयार कर खरीदे गए सामान पर एक्सपायरी डेट से मेल खाने के लिए नए लेबल लगाकर उसे कम कीमत पर बेचना शुरू कर दिया। प्रोडक्ट्स ऑनलाइन और फिजिकली दोनों तरह से बेचकर वह भारी मुनाफा कमा रहा था। उसके कुछ साथियों की भी पहचान की गई है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सामानों के सस्ते दाम पर मिलने पर सवाल
एफएसएसएआई के सेंट्रल लाइसेंसिंग अथाॅरिटी, नाॅर्दर्न रीजन की अधिकारी मनीषा नारायण ने पिछले साल आठ जनवरी को एक्सपायर्ड खाने के प्रोडक्ट्स की बिक्री और पैकेजिंग के संबंध में क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। यह मामला आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा था, इसलिए इस मुद्दे को सावधानी से निपटा गया। नामी कंपनियों के खाने-पीने की चीजें इतनी कम कीमतों पर कैसे मिल रही थीं, इस बारे में पता लगाने में समय लगा। इससे न केवल आम आदमी को नुकसान हो रहा था, बल्कि एक्सपायर्ड प्रोडक्ट्स खाने का खतरा भी बढ़ रहा था जो खतरनाक हो सकते थे।
एफएसएसएआई के अधिकारियों की ली मदद
जांच के दौरान कंपनी से जुड़े कई परिसरों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद लेखू नगर, त्रि नगर की दो प्राॅपर्टी, भीकाजी कामा प्लेस की एक और मोती नगर की एक प्राॅपर्टी को सील कर दिया गया। मामजा संवेदनशील था, इसलिए क्राइम ब्रांच ने जांच में एफएसएसएआई के अधिकारियों व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की मदद भी ली।
सैंपल घटिया पाए गए
इन जगहों से जब्त किए गए खाने के सैंपल की सरकारी लैब में जांच की गई। जांच में पता चला कि कुछ सैंपल मिसब्रांडेड थे, जो खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम का उल्लंघन था। कुछ सैंपल घटिया पाए गए और कुछ सैंपल तय मानकों के अनुरूप थे। जब्त किए गए प्रोडक्ट्स की जांच करने पर, द हर्शे कंपनी ने पुष्टि की कि प्रोडक्ट्स असली थे लेकिन प्रोडक्ट्स पर चिपकाए गए लेबल के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट, एमआरपी और बैच डिटेल्स में बदलाव शामिल था। यह छेड़छाड़ एक्सपायर हो चुके प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल के लिए सही दिखाने के लिए की गई थी।
50 लाख कीमत का ब्रांडेड सामान बरामद
जांच में पता चला कि एक्सपायर हो चुके हर्शे प्रोडक्ट्स को बिचौलियों और वेस्ट मैनेजमेंट कंपनियों के जरिये अधिकृत सप्लाई चेन से बाहर निकाला गया था। लेबल में हेरफेर के बाद एक्सपायर हो चुके सामान को अवैध रूप से बेचा गया था। एसीपी अशोक शर्मा व इंस्पेक्टर अजय शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया। चारों जगहों से छह लाख की हर्शे कंपनी की चाॅकलेट और 50 लाख कीमत के अन्य ब्रांडेड कंपनियों के सामान बरामद किया गया।
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