बलात्कार के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा
संवाद सहयोगी, गढ़वा। जिला व्यवहार न्यायालय गढ़वा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट दिनेश कुमार की अदालत ने गुरुवार को नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाते हुए मेराल थाना के अटौला निवासी अमिताभ विश्वकर्मा को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 100000 रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता पंकज कुमार ने पैरवी की।
2024 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई
बता दें कि इस घटना को लेकर मेराल थाना कांड संख्या 40/2024 दिनांक 18 फरवरी 2024 पर पीड़िता के लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता ने अपने चाचा के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी।
17 फरवरी 2024 को सुबह 7:00 बजे पीड़िता अपनी छोटी दादी के घर से मोबाइल चार्ज कर लेकर आ रही थी, इस दौरान अटौला गांव के अमिताभ विश्वकर्मा ने एकाएक पीछे से उसका हाथ पकड़ लिया और मुंह बंद कर दिया। इसके बाद आराेपित ने धमकी दिया कि अगर चिल्लाई तो जान से मार देंगे। इसके डर से वह चुप हो गई और आराेपित ने पीड़िता को पकड़कर अरहर के खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के परिवार वालों के साथ गाली-गलौज और मारपीट
इस दौरान आरोपित ने पीड़िता के मुंह में कपड़ा से बंद कर दिया था, जिससे वह चिल्लाने नहीं पाई। बताया गया कि तब तक उसकी चाची ने पीड़िता का नाम लेकर चिल्लाने लगी। यह सुनकर आरोपित ने पीड़िता को छोड़ दिया। तब वह भाग कर अपनी चाची के पास आ गई। पीछे से आरोपित भी वहीं आ गया।
पीड़िता की चाची द्वारा घटना के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपित एवं उसके के घर के लोग वहां आ गए और पीड़िता के परिवार वालों के साथ गाली-गलौज एवं मारपीट किया।
पीड़िता का मेडिकल जांच एवं न्यायालय में बयान दर्ज
इस जानकारी के आधार मेराल थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित अमिताभ विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर प्रक्रिया पूरी कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि पीड़िता का मेडिकल जांच एवं न्यायालय में बयान दर्ज कराया।
पुलिस ने आरोपित अमिताभ विश्वकर्मा के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया। जबकि प्राथमिकी के अन्य अभियुक्तों लक्ष्मण विश्वकर्मा, कमला देवी, उमेश विश्वकर्मा, प्रतिमा देवी, प्रियंका देवी के विरूद्ध पूरक अनुसंधान जारी रहा।
बाद में इस घटना का अनुसंधान पूरी कर सत्य पाते हुए उन लोगों के विरुद्ध भी आरोप पत्र समर्पित किया। तत्पश्चात न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए आरोप गठन कर विभिन्न तिथियाें को नौ साक्षियो का साक्ष्य कलमबद्ध करते हुए उपलब्ध दस्तावेज एवं साक्ष्य के आधार पर नौ दिसंबर 2025 को अमिताभ विश्वकर्मा को दोषी करार दिया तथा लक्ष्मण विश्वकर्मा, कमला देवी, उमेश विश्वकर्मा, प्रतिमा देवी, प्रियंका देवी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
आज सजा के बिंदु पर सुनवाई कर अमिताभ विश्वकर्मा को भादवि की धारा 504 एवं 506 में डेढ़ वर्ष तथा पोक्सो की धारा (4)(2) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई। |