कांग्रेस में कोडरमा से शुरू हुआ विद्रोह, कई जिलों में सुलग रही आग। फाइल फोटो  
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के जिलों में कांग्रेस की नई टीम ने कमान संभाल लिया है। इसके साथ ही विरोधी गुट भी सक्रिय हो गया है और कोडरमा में इसका प्रमाण प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए कांग्रेसियों के माध्यम से मिला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बयान जारी कर पुरानी टीम ने नवनियुक्त जिलाध्यक्ष को बाहरी करार दिया है तो चयन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया है। दूसरी ओर, नई टीम ने विरोध करनेवालों को स्लीपर सेल का तमगा देते हुए कहा है कि ऐसे लोगों के कारण ही कांग्रेस का पूरे देश में खराब हाल हो गया है। इस तरह की बातें प्रदेश के कई क्षेत्रों से सामने आ रही है।  
 
  
 
दरअसल, झारखंड में कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों को बदला है। इसके लिए निर्धारित मानकों को नजरअंदाज करते हुए नई टीम के गठन के आरोप लग रहे हैं। कोडरमा की कुछ ऐसी ही कहानी है।  
 
केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी तक ने प्रेस के सामने बयान दिया था कि जिलाध्यक्ष के तौर पर उन्हीं लोगों का चयन होगा, जिन्होंने वर्षों तक कांग्रेस में पूरी निष्ठा से काम किया है।  
 
एक दिन पहले के अंक में दैनिक जागरण ने यह बात सार्वजनिक की थी कि कोडरमा में हाल में ही पार्टी में शामिल हुए वामपंथी नेता को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसके खिलाफ पुराने कांग्रेसियाें में बैठक की और बयान भी जारी किए।  
 
  
 
निवर्तमान जिला अध्यक्ष भागीरथ पासवान ने इस बैठक के संदर्भ में बताया कि हम लोग आपस में बैठक कर रहे थे। कुछ लोगों ने नए जिला अध्यक्ष के चयन के खिलाफ बातें कही हैं, लेकिन यह पार्टी का अधिकृत बयान नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस तरह की गतिविधियां अन्य जिलों में भी चल रही हैं। |